UP assembly election 2022: चुनावों से पहले बड़ा दांव खेल गई प्रियंका गांधी, कार्यकर्त्ताओं में फूंकी नई जान

Edited By Seema Sharma,Updated: 19 Oct, 2021 04:54 PM

priyanka gandhi played a big bet before the up election

उत्तर प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर टिकी कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में नैया पार कराने के लिए मैदान पर उतरी प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का ऐलान कर बड़ा दांव लगाया है।

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश की राजनीति में हाशिये पर टिकी कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में नैया पार कराने के लिए मैदान पर उतरी प्रियंका गांधी वाड्रा ने मंगलवार को महिलाओं को 40 फीसदी टिकट देने का ऐलान कर बड़ा दांव लगाया है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की अगुवाई में कांग्रेस साल 2017 के विधानसभा चुनाव में मात्र सात सीटों पर सिमट गई थी जिसके बाद पार्टी आलाकमान ने उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी प्रियंका गांधी वाड्रा को सौंपी थी। पार्टी के संगठनात्मक ढांचे को दुरुस्त करने के साथ उन्होने सड़क पर संघर्ष करने की पार्टी की पुरानी रणनीति को अमली जामा पहनाया जिसके चलते वह निराशा के गर्त में डूब चुके कार्यकर्त्ताओं में उत्साह की संजीवनी देने में काफी हद तक सफल रही हैं।

 

इसी कड़ी में उन्होने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की मंशा का इजहार करते हुए 40 फीसदी टिकट महिला शक्ति को देने का ऐलान कर प्रदेश के 45 फीसदी मतों पर निशाना साधा है। प्रेस कांफ्रेस की खासियत यह थी कि पत्रकारों के सिर्फ महिलाओं संबंधी सवालों के जवाब दिए गए। यहां तक कि प्रेस कॉन्फ्रेंस की टैग लाइन ‘ लड़की हूं लड़ सकती हूं ' रखी गई थी। प्रियंका ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत महिलाओं की सत्ता में भागीदारी से शुरू की। उनके एक तरफ कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत थी जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना विराजमान थी।

 

कांग्रेस महासचिव ने कहा कि प्रयागराज की पारो, चंदौली की बेटी, उन्नाव में की बेटी, लखनऊ की लड़की और सोनभद्र की महिला किस्मत के लिए है। महिलाओं से हमने आवेदन पत्र मांगे हैं। ये अगले महीने की 15 तारीख तक खुला है। महिलाओं के लिए अपील है कि आओ आगे आओ। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या 14 करोड़ 43 लाख 16 हजार 893 थी जिसमें महिला मतदाताओं की तादाद छह करोड़ 61 लाख 11 हजार 941 थी। प्रदेश में महिला मतदाताओं का प्रतिशत 45 फीसद से अधिक होने के बावजूद विधानसभा में इस वर्ग का प्रतिनिधित्व मात्र दस फीसदी है जो आजादी के बाद से अब तक सबसे अधिक है। साल 2017 के चुनाव में मात्र 40 महिलाएं विधानसभा की दहलीज पार कर सकी थी जबकि 403 सदस्यों वाली विधानसभा में उनके लिए 33 फीसदी का कोटा तय किया गया था।

 

इस चुनाव में भाजपा से सबसे अधिक 34 महिला विधायक चुनी गई थी जबकि बसपा और कांग्रेस से दो दो और सपा एवं अपना दल से एक एक प्रत्याशी को सफलता मिली थी। इस चुनाव में महिलाओं को टिकट देने का सभी दलों का औसत आठ फीसदी के करीब रहा था जबकि कांग्रेस ने अकेले दम पर 2022 के चुनाव में 25 फीसदी सीटों पर महिला उम्मीदवारों को टिकट देकर महिला शक्ति के दिलों में जगह बनाने की कोशिश की है और अगर उसका यह प्रयास कुछ हद तक भी सफल होता है तो वह न सिर्फ विधानसभा में अपने सदस्यों की संख्या में इजाफा कर पायेगी बल्कि 2024 के लोकसभा चुनाव में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने में समर्थ होगी।

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