प्रियंका नहीं डाल पाएंगी ज्यादा प्रभाव: शिव प्रताप शुक्ला

Edited By Seema Sharma,Updated: 31 Jan, 2019 10:16 AM

priyanka will not be able to put much impact shiv pratap shukla

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने पंजाब केसरी और नवोदय टाइम्स के साथ साक्षात्कार में महागठबंधन से लेकर लोकसभा चुनाव पर चर्चा की। पेश हैं उनकी इस खास बातचीत के प्रमुख अंश।

नेशनल डेस्कः केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने पंजाब केसरी और नवोदय टाइम्स के साथ साक्षात्कार में महागठबंधन से लेकर लोकसभा चुनाव पर चर्चा की। पेश हैं उनकी इस खास बातचीत के प्रमुख अंश।

आप पूर्वांचल के नेता हैं और अब पूर्वी उप्र की कमान कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को दी है, किस तरह देखते हैं?
मुझे लगता है कि प्रियंका का हमारे क्षेत्र में कोई असर नहीं पडऩे वाला। पारिवारिक रूप से जो सीटें कांग्रेस की हैं, उन पर ही उनका प्रभाव रहेगा। मुझे लगता है कि हर आदमी अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए एक ही बात कह रहा है कि मोदी हटाओ। प्रियंका गांधी को भी इसीलिए लाया गया। उनके पति रॉबर्ट वाड्रा के कई केस खुल गए हैं। इसी तरह अखिलेश, मायावती की बातों को सभी जानते हैं। देश की जनता को तय करना है कि भ्रष्टाचार वालों को रखना है कि भ्रष्टाचार हटाने वालों को पुन: रखना है। भारत को जो भ्रष्टाचार से मुक्त कर सकता है, वह चेहरा मोदी है।

यूपी में जातिगत या वर्गगत समीकरण बन रहे हैं। क्या सत्ता अब सिर्फ समीकरणों की मोहताज है?
मोदी को काम करने के लिए ही पिछली बार जनता लाई थी। मोदी आए तो काम शुरू किया। उज्जवला की कहानी अब सब जानते हैं। 6 करोड़ परिवारों में मुफ्त में गैस सिलेंडर दिय गया है। वे मुद्रा योजना लाए। सभी लोग सहमत होंगे कि पूरी तौर पर सभी को नौकरी नहीं मिल सकती। उन्हें सक्षम जरूर बनाया जा सकता। मुद्रा योजना के अभियान में आज 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाकर छोटा-बड़ा रोजगार दिया है। आयुष्मान भारत योजना के 130 दिन में 7 लाख से अधिक लोग लाभ ले चुके हैं। हर योजना में जनता को लाभ देने का प्रयास हो रहा है। पीएम खुद को प्रधानसेवक के तौर पर मानते हैं। दूसरी तरफ ये गठबंधन लाभ लेने के लिए है। महागठबंधन में सभी एक होकर अपने भ्रष्टाचार को पनपना चाहते हैं।

सपा-बसपा के समझौते पर क्या सियासी समीकरण बदले हैं? या इसमें अभी कांग्रेस या राहुल गांधी की एंट्री होना बाकी है?
किसकी एंट्री होती है? हमें कोई मतलब नहीं है। हमें जनता के लिए काम करना है। विकास पर फोकस है। विजय भी उसी की होगी। हम तो जनता से निवेदन करेंगे कि सुशासन पर वोट करें। यकीन है मोदी जी फिर आएंगे। हम संबंधित क्षेत्रों में अच्छे से अच्छा, योग्य उम्मीदवार देकर भाजपा के कार्यों को जनता के बीच में रखेंगे। आप जिस समीकरण की बात कर रहे हैं, वह कभी यूपी में लागू हुआ था। 1993 में हम लोग सरकार से बाहर हुए थे। अयोध्या में ढांचा ढहा था। लगता था कि भाजपा का परचम फहरेगा। उस स्थिति में भी सपा-बसपा का गठबंधन हुआ था, तब हम विपक्ष में आए। आज वह स्थिति नहीं है। आज के माहौल में अति पिछड़ा, अति दलित, सामान्य वर्ग समेत कई वर्ग हमारे साथ हैं।

मौजूदा समय में कांग्रेस की क्या भूमिका है अब, खास तौर से प्रियंका गांधी के आने के बाद?
कांग्रेस में समय-समय पर प्रियंका को लाने की मांग उठती रही है। कांग्रेस के महत्वपूर्ण फैसलों में प्रियंका हमेशा शामिल रही हैं। आज वे पद के साथ आई हैं। रायबरेली और अमेठी के आगे पहले भी वो काम नहीं कर सकी थींं, अब भी उनकी बहुत अधिक प्रगति नहीं होने वाली। उनसे किसी तरह का नुकसान भाजपा को नहीं है।

आपके गठबंधन सहयोगी राजभर और अपना दल बीच-बीच में नाराजगी जताते हैं। इन हालातों पर क्या कहेंगे?
मुझे लगता है कि ये सभी लोग मिलजुल कर ही भाजपा के संग चुनाव लड़ेंगे।

एक तरफ तो मोदी जी ने 15 लाख रुपए देने की बात कही। दूसरी तरफ मुद्रा योजना में एनपीए बढ़ रहा है। आप वित्त मंत्री हैं । बजट सिर पर है, क्या कहेंगे?
2014 के चुनावी भाषण में मोदी जी ने कहीं नहीं कहा था कि 15 लाख दूंगा। विपक्ष झूठ प्रचारित करता रहा है। उन्होंने कहा था कि यदि बाहर गए पैसों को लाया जाए, तो प्रत्येक खाते में 15 लाख रुपए आ सकते हैं। जिस समय उन्होंने कहा था कि उस वक्त देश में करीब 2 करोड़ खाताधारक थे। उसके संदर्भ में कहा था कि पैसा आ सकता है। अभी ऐसा हुआ नहीं। उसके सापेक्ष मोदी जी ने बढिया काम किया। जिसने बैंक की इमारत तक नहीं देखी थी, उसको भी जनधन खाते से जोड़ दिया। इसमे बिना एक पैसा जमा किए खाता खोला गया। आज उस खाते में 90 हजार करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। हमारे पास योजना और सोच थी। 32 करोड़ लोग देश में जनधन खाते के साथ हैं। यह सही है कि मुद्रा योजना का एनपीए 5-6 फीसद है, लेकिन हम इसके एनपीए की चिंता करें, जिसको रोजगार की जरूरत है। दूसरी तरफ तो ज्यादातर एनपीए पुरानी सरकार का है। इस पर हम नहीं कह सकते कि किसी गरीब को कर्ज नहीं देंगे।

आप भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात कर रहे हैं। इसमें सिर्फ गांधी परिवार के लोग हैं या और भी हैं?
बहुत से लोग हैं। अखिलेश जी के वक्त का बालू खनन मामला सामने आया। सीबीआई ने छापा डाला, तो उसे भी मोदी जी से जोड़ दिया। ऐसे ही मायावती जी कह रही हैं। हमारी कोशिश तो देश से भ्रष्टाचार खत्म करने की है।

केंद्र सरकार रोजगार देने पर अब काम कर रही है, जब देर बहुत हो गई। उधर अब सामान्य वर्ग के लिए 10 फीसदी आरक्षण भी लाए। इतनी देरी की क्या वजह रही?
भाजपा पहले भी आर्थिक आधार पर आरक्षण की बात करती रही है। नरसिंह राव जी भी इसी 10 फीसदी आरक्षण को नोटिफिकेशन के द्वारा लाए थे। वे बिल नहीं लाए थे। जो सुप्रीम कोर्ट में जाकर खत्म हो गया। हमने बिल लाकर संविधान में बदलाव किया है। अब राज्य खुद लागू कर सकते हैं। लोगों को उनका हक मिला है। रही बात नौकरी की तो हमारी प्राथमिकता लोगों को मकान देने की रही। उन्हें मकान दिया, शौचालय दिए। उज्जवला का लाभ दिया। बैंकिंग से जोड़ा। अब नौकरी से जोड़ा गया। पहले स्वरोजगार पर काम किया। रेलवे भी बड़े स्तर पर रोजगार देने जा रही है।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में ऐसा क्या बड़ा हुआ, जो लोगों को नजर आना चाहिए और लोग आपके साथ रहें?
देखिए, गोरखपुर में वर्षों से बंद खाद कारखाना आज गैस पर आधारित कारखाना लगभग तैयार है। गोरखपुर में एम्स बन गया। किसी प्रदेश में एक होता है। यूपी के लखनऊ में पीजीआई में भी है। एक एम्स रायबरेली में भी है। गोरखपुर का एम्स देखने लायक है। ट्रेनों से पूरी तरह जुड़ गया। यूपी में कई बंद शुगर मिल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुरू कराई हैं। सड़क के मामले में तेजी से काम हो रहा है। केंद्र और राज्य के शासन में प्रगति तेजी से हुई है। बनारस से खुद प्रधानमंत्री हैं। आज काशी पूरी तौर पर बदली हुई है। सालभर बाद पुराने बनारस को तलाशना पड़ेगा। पहले बिजली नहीं मिला करती थी। आज पूरे प्रदेश में बिजली उपलब्ध है।

आप जब विपक्ष में थे, तो सीबीआई को तोता कहते थे। आज विपक्ष भी वही बात कह रहा है। मौजूदा वक्त में सीबीआई की ख्याति खराब हुई है। क्या कहेंगे?
यही वजह रही कि प्रधानमंत्री ने दोनों शीर्ष अधिकारियों को हटाने का निर्णय लिया। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के नामित जज ने साफ कहा कि इन्हें हटा देना चाहिए। हमने हटा दिया।

प्रियंका गांधी और कांग्रेस को छोड़ दें, तो सपा-बसपा के गठजोड़ पर भाजपा कितना काउंटर कर सकती है?
जस लड़ाई को आज हम लडऩे जा रहे हैं। वह आज नहीं तो कल जरूर होती। आज हम बहुत अच्छे नेतृत्व में हैं। इन लोगों को हमेशा के लिए जमींदोज कर देंगे।

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