Edited By shukdev,Updated: 17 Mar, 2020 08:03 PM
राज्यसभा के लिए मनोनयन स्वीकार करने पर आलोचना के शिकार हुए पूर्व मुख्य न्यायाधीष रंजन गोगाई ने मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि संसद में उनकी मौजूदगी से न्यायपालिका के विचारों उठाने में मदद मिलेगी। जस्टिस गोगाई ने असम के एक प्रमुख समाचार ....
नई दिल्ली: राज्यसभा के लिए मनोनयन स्वीकार करने पर आलोचना के शिकार हुए पूर्व मुख्य न्यायाधीष रंजन गोगाई ने मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि संसद में उनकी मौजूदगी से न्यायपालिका के विचारों उठाने में मदद मिलेगी। जस्टिस गोगाई ने असम के एक प्रमुख समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में ये बात कही। उन्होंने कहा कि मनोनयन को स्वीकार करने के फैसला लेने से पूर्व इस मुद्दे पर काफी गंभीरता से विचार किया।
इससे पहले गोगाई ने कहा था कि वह बुधवार को राज्यसभा की शपथ लेने के बाद मीडिया से विस्तार से बात करेंगे। उन्होंने कहा संसद में मेरी मौजूदगी से विधायिका के समक्ष न्यायपालिका के विचारों को पेश करने के अवसर मिलेंगे। जस्टिस गोगोई ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा के लिए मनोनयन का प्रस्ताव इसलिए स्वीकार किया क्योंकि विधायिका और न्यायपालिका को राष्ट्र निर्माण के लिए मिलकर काम करना चाहिए। उन्होंने आशा व्यक्त की कि संसद में वह स्वतंत्र रूप से आवाज उठाते रहेंगे।