Edited By Anil dev,Updated: 15 Jan, 2020 11:41 AM
प्रस्तावित सरोगेसी कानून में प्रावधानों की समीक्षा के लिए राज्यसभा की चयन समिति के सदस्य गुजरात स्थित ‘आनंद’ का दौरा करेंगे। ‘आनंद’ जिसे भारत की सरोगेसी राजधानी के रूप में जाना जाता है, का दौरा कर समिति हितधारकों से परामर्श लेगी।
नई दिल्ली: प्रस्तावित सरोगेसी कानून में प्रावधानों की समीक्षा के लिए राज्यसभा की चयन समिति के सदस्य गुजरात स्थित ‘आनंद’ का दौरा करेंगे। ‘आनंद’ जिसे भारत की सरोगेसी राजधानी के रूप में जाना जाता है, का दौरा कर समिति हितधारकों से परामर्श लेगी। पैनल एकल माता-पिता और लिव-इन जोड़ों को सरोगेसी का विकल्प चुनने की संभावनाओं पर विचार कर सकता है। सूत्रों का कहना है कि 23 सदस्यीय सदन समिति 21 जनवरी से अपना 4 दिवसीय दौरा शुरू करेगी और हितधारकों से मुलाकात करेगी, जिसमें आई.वी.एफ. क्लीनिक में सरोगेट माता-पिता और डॉक्टर शामिल हैं।
समलैंगिकों को अनुमति देने पर हो सकती है आपत्ति
एक सूत्र ने कहा कि समिति के सदस्य सरोगेट मां, माता-पिता और डॉक्टरों से मिलेंगे और क्लीनिक प्रणाली का अध्ययन करने का प्रयास करेंगे। सूत्र ने कहा, ‘‘हमें (प्रस्तावित) कानून के साथ सरोगेट माता-पिता और कमीशन करने वाले माता-पिता के बीच नैतिक अंतर को पाटने और नियंत्रित करने की जरूरत है।’’ सूत्रों के अनुसार, समिति एकल माता-पिता और लिव-इन जोड़ों के लिए सरोगेसी की अनुमति देने की संभावना पर विचार कर सकती है। सूत्र ने कहा, ‘‘समलैंगिकों को अनुमति देने पर आपत्ति हो सकती है’’, और कहा कि एकल माता-पिता को बदले हुए दत्तक कानूनों के तहत अपनाने की अनुमति है।