Edited By Seema Sharma,Updated: 03 Jul, 2020 04:16 PM
मानसून ने दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में दस्तक दे दी है। बरसात के मौसम में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आयुष मंत्रालय ने बरसात में वायरल, फ्लू और वायरस से बचने के कई देसी उपाय बताए हैं। मंत्रालय ने...
नेशनल डेस्कः मानसून ने दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में दस्तक दे दी है। बरसात के मौसम में मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आयुष मंत्रालय ने बरसात में वायरल, फ्लू और वायरस से बचने के कई देसी उपाय बताए हैं। मंत्रालय ने बताया कि मानसून में बीमारियों के शुरूआती लक्षण छींक-खांसी, जुकाम और गले में खराश है और लेकिन कुछ घरेलु उपायों से इनसे बचा जा सकता है।
आयुष मंत्रालय के टिप्स
- गर्मी के मौसम में आमतौर पर लोग हल्दी वाला दूध नहीं पीते लेकिन आयुष मंत्रालय ने इस बार लोगों को कोरोना वायरस के खतरे को देखते हल्दी वाला दूध पीने की सलाह दी। खांसी, जुकाम, सांस से जुड़ी दिक्कतों और गले में दर्द से बचने के लिए दिन में एक बार हल्दी वाला दूध जरूर लें। आयुष मंत्रालय ने दूध में हल्दी की मात्रा पर ध्यान खने को कहा। एक ग्लास दूध में सिर्फ एक चौथाई चम्मच हल्दी ही मिलाएं।
- बरसात में भाप लेना बहुत फायदेमंद रहता है। यह शरीर को स्वस्थ रखने में प्राकृतिक चिकित्सा का काम करती है। भाप से बंद नाक और गले में दर्द से राहत मिलती है। मंत्रालय ने लाह दी कि लोग गर्म पानी में विक्स या पुदीनहरा डालकर भाप लें।
- इसके अलावा गर्म पानी में लौंग का तेल, टी-ट्री ऑयल या लेमन ग्रास ऑयल मिलाकर भी भाप ले सकते हैं।
- इम्यूनिटी बढ़ाने करने के लिए खान-पान के समय में थोड़ा बदलाव जरूरी है। यानि कि समय निर्धारित हो। साथ ही मंत्रालय ने कहा किइस मौसम में ताजा खाना ही खाएं।
फ्लू के लक्षण
मानसून में होने वाले फ्लू के लक्षण कोरोना वायरस से काफी मिलते-जुलते हैं। ऐसे में लोगों को फ्लू और वायरस की सही पहचान बहुत जरूरी है। मानसूनी मौसम में लोगों को आमतौर पर खांसी, बदन दर्द, सिरदर्द, मांसपेशियों में खिंचाव, नाक बंद होना और सांस लेने में परेशानी जैसी समस्याएं आती हैं। मंत्रालय ने कहा कि अगर घरेलू उपचारों से आराम न मिल रहा हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।