Edited By Pardeep,Updated: 03 Oct, 2019 10:07 PM
नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में लाने की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा के दो दिन बाद गुरुवार को मणिपुर और नगालैंड में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए। इम्फाल घाटी में बड़े पैमाने पर नागरिक समाज इकाईयों, विश्वविद्यालय और कॉलेज छात्रों ने कड़ी...
इम्फाल/ कोहिमाः नागरिकता संशोधन विधेयक संसद में लाने की केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा के दो दिन बाद गुरुवार को मणिपुर और नगालैंड में इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए गए। इम्फाल घाटी में बड़े पैमाने पर नागरिक समाज इकाईयों, विश्वविद्यालय और कॉलेज छात्रों ने कड़ी सुरक्षा के बीच विरोध प्रदर्शन किया लेकिन राज्य के किसी भी हिस्से में अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।
नागालैंड की राजधानी कोहिमा में भी विभिन्न नगा जनजातियों के हजारों प्रतिनिधियों ने अपनी पारंपरिक वेशभूषा में ‘ज्वाइंट कमिटी ऑन प्रोटेक्शन ऑफ इंडिजनस पीपुल (जेसीपीआई), नगालैंड एंड नॉर्थ ईस्ट फोरम ऑफ इंडिजनस पीपुल (एईएफआईपी) के आह्वान पर विरोध मार्च निकाला और मुख्यमंत्री नेफ्यू रियो को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया कि नागरिकता संशोधन विधेयक पूर्वोत्तर क्षेत्र की जनजातियों के सिर पर लटक रही खतरे की तलवार है।