Edited By Anil dev,Updated: 23 Feb, 2019 12:31 PM
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को आत्मघाती धमाके में इस्तेमाल की गई कार को लेकर अहम सुराग मिले हैं। मारुति के अधिकारियों द्वारा की गई जांच में ये पता चला है कि......
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को हुए आत्मघाती हमले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को आत्मघाती धमाके में इस्तेमाल की गई कार को लेकर अहम सुराग मिले हैं। मारुति के अधिकारियों द्वारा की गई जांच में ये पता चला है कि जिस वाहन का इस्तेमाल किया गया वह मारुति ईको थी। खुफिया एजेंसी के जांचकर्ताओं ने घटनास्थल से कई सैंपल एकत्रित किए, ये गाड़ी साल 2010-11 में बनाई गई थी। गाड़ी को दोबारा से पेंट भी किया गया था।
एनआईए अधिकारियों के एक दल ने घटनास्थल पहुंचकर कुछ सैंपल एकत्र किए थे। यह ब्लास्ट इतना बड़ा था कि इसके अवशेष 150-200 मीटर दूर रिहायशी इलाकों तक फैल गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक जांच दलों को घटनास्थल से एक नंबर अंकित धातु का टुकड़ा मिला है। इसी में 30 किलोग्राम आरडीएक्स पैक कर आईईडी बम बनाकर कार में रखा गया था। इसके अलावा कार के शॉकर का हिस्सा भी मिला है। टीम ने न केवल घटनास्थल की जांच की बल्कि उसके आसपास के इलाकों को भी अच्छे से जांच की है।
आपको बतां दे कि केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के 2500 से अधिक कर्मी 78 वाहनों के काफिले में जा रहे थे। इनमें से अधिकतर अपनी छुट्टियां बिताने के बाद अपनी ड्यूटी पर लौट रहे थे। तभी एक आत्मघाती आतंकवादी ने विस्फोटक से भरी अपनी कार जवानों की बस से भिड़ा दी। इस बस में 40 जवान शहीद हो गए थे। आतंकवादियों ने जिस स्थान पर घटना को अंजाम दिया है वह लाथपोरा के कमांडो ट्रेनिंग सेंटर से ज्यादा दूर नहीं है। यहां पर 31 दिसंबर 2017 को आतंकवादियों ने हमला किया था। इसमें सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे।
स्थानीय निवासियों ने बताया था कि घटना में शहीद हुए जवानों के क्षत विक्षत शव जम्मू कश्मीर राजमार्ग में बिखर गए। कुछ शवों की हालत तो इतनी खराब है कि उनकी शिनाख्त में काफी वक्त भी लग सकता है। विस्फोट की आवाज सुनाई देते ही लोग यहां वहां भागने लगे। घटनास्थल से 300 मीटर से भी कम दूरी पर स्थित लेथपुर बाजार के दुकानवाले अपनी अपनी दुकानों के शटर गिरा कर भाग गए।