Edited By Yaspal,Updated: 15 Feb, 2019 05:29 AM
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें करीब 44 जवान शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मुहम्मद ने ली। हमले को अंजाम देने वाला आतंकी आदिल अहमद डार पुलवामा...
नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को एक बड़ा आतंकी हमला हुआ, जिसमें करीब 44 जवान शहीद हो गए। इस हमले की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली। हमले को अंजाम देने वाला आतंकी आदिल अहमद डार पुलवामा जिले के गुंडरबाग गांव का रहने वाला था। हमले वाली जगह से आदिल के गांव की दूरी महज 10 किमी था।
फिदायीन आतंकी आदिल महज 22 साल का था और स्कूल से ड्रॉप आउट था। आदिल अहमद डार, जिसे जैश-ए-मोहम्मद ने वकास कमांडो का नाम दिया था। आदिल मार्च 2017 में गुंडीबाग के एक स्थानीय स्कूल से 12वीं कक्षा में फेल हो गया। उसने गुरुवार को सीरआरपीएफ के काफिले को अपनी गाड़ी का निशाना बनाया, जिसमें करीब 200 किलोग्राम आईडी (विस्फोटक पदार्थ) रखा था। ड्यूटी पर जा रहे सीआरपीएफ काफिल की तरफ तेजी से बढ़ता है और अपनी कार से बस में टक्कर मार देता है।
स्थानीय पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, आदिल 2017 में आतंकवादी गतिविधियों में शामिल हुआ था। अधिकारियों ने बताया कि उसे आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद, हिजबुल मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा के सदस्यों के साथ देखा गया था। वह कोई प्रोफेशनल बंदूकधारी नहीं था और 2018 में लापता हो गया था।
लापता होने से पहले डार कभी-कभार स्थानीय ज्वॉइनरी मिल में काम करता था। उसके पिता रियाज अहमद डार इलाके में एक छोटी सी दुकान चलाते हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि वह अपने चचेरे भाई, जो एक आतंकवादी था। पिछले साल एक हमले में वह मारा गया। उसके मरने के बाद आदिल ने स्कूल छोड़ दिया और आतंकवादी बन गया।
हमले के फौरन बाद, डार का एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर कश्मीर में घूमने लगा, जिसमें एक हथियार लेकर युवा आतंकवादी उर्दू में एक कविता सुनाते हुए सुनाई देता है - “तैयार हो जाओ और तेजी से आगे बढ़ो, नियति दूर नहीं है जैश के लोग तुम्हारा इंतजार कर रहे हैं। यह केवल बात करने का समय नहीं है, उठो क्योंकि यह सपनों में होने का समय नहीं है, पल जमीन पर चिकित्सकों की मांग करता है, कृपया मुझे क्षमा करें लेकिन यह सुंदर भाषणों का समय नहीं है।