Edited By Anil dev,Updated: 22 Oct, 2020 05:19 PM
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों बिलों के खिलाफ पंजाब में काफी विरोध किया जा रहा है। इसी बीच पंजाब सरकार की तरफ से सोशल मीडिया ट्वीटर पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में लिखा गया है कि सरकार ने कोरोना महामारी की आड़...
नई दिल्ली: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों बिलों के खिलाफ पंजाब में काफी विरोध किया जा रहा है। इसी बीच पंजाब सरकार की तरफ से सोशल मीडिया ट्वीटर पर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया गया। इस ट्वीट में लिखा गया है कि सरकार ने कोरोना महामारी की आड़ में किसानों के विरोध में तीन कानून बनाए है ताकि लोगों का ध्यान इस महामारी से हटाया जा सके। इसके साथ ही इस ट्वीट में आरआरएस पर निशाना साधते हुए कहा कि सीमावर्ती राज्य पंजाब में पड़ोसी देशों की तुलना में संघ से अधिक खतरा है। हैरानी वाली बात यह कि इस ट्वीट को तुंरत ही हटा लिया गया। अब यह जानना काफी दिलचस्प होगा कि आखिर यह ट्वीट किसके कहने पर डीलीट किया गया।
ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया पंजाब
आपको बतां दे कि केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों को बेअसर करने के लिए पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे और अंतिम दिन चार विधेयक सर्वसम्मति से पारित किए गए। इसके साथ ही पंजाब ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। इन विधेयकों में गेहूं और धान की बिक्री या खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम करने पर कम से कम तीन वर्ष की कैद और जुर्माने का प्रावधान है।
केंद्र के बिजली अध्यादेश के खिलाफ भी प्रस्ताव किया गया पास
किसानों को 2.5 एकड़ तक की जमीन की कुर्की से छूट दी गई है और कृषि उत्पादों की जमाखोरी व काला बाजारी से छुटकारा पाने की व्यवस्था भी की गई है। इसके अलावा सदन में केंद्र के बिजली अध्यादेश के खिलाफ भी प्रस्ताव पास किया गया। इसके बाद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा को छोड़कर बाकी सभी दलों के विधायकों के साथ विधेयकों की प्रतियां राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर को सौंपने पंजाब राजभवन पहुंचे।