पंजाब पुलिस में अफसरों की बल्ले-बल्ले और मुलाज़िमों की हालत खराब

Edited By Punjab Kesari,Updated: 22 Jan, 2018 07:40 PM

punjab police

पंजाब पुलिस में सीनियर अफसरों की हर तरफ पौं-बारह है, फिर चाहे बात बजट की हो या फिर भर्तियों की। लेकिन वहीं दूसरी ओर मुलाज़िमों की हालत खराब है। जहां अफसरों की ज़रूरत के अनुसार उनके पास हर चीज़ मौजूद है, तो वहीं मुलाज़िमों को एमरजेंसी ड्यूटी के समय...

चंडीगढ़ : पंजाब पुलिस में सीनियर अफसरों की हर तरफ पौं-बारह है, फिर चाहे बात बजट की हो या फिर भर्तियों की। लेकिन वहीं दूसरी ओर मुलाज़िमों की हालत खराब है। जहां अफसरों की ज़रूरत के अनुसार उनके पास हर चीज़ मौजूद है, तो वहीं मुलाज़िमों को एमरजेंसी ड्यूटी के समय गुरुघरों से लंगर खाना पड़ता है। इस संबंधी केंद्रीय मंत्रालय का ताज़ा विवरण हैरान करने वाला है, केंद्रीय मंत्रालय की रिपोर्ट मुताबिक अफसरों को तो सब कुछ मिल रहा है पर मुलाज़िमों को काफी मेहनत करनी पड़ रही है। 


हैरानी वाली बात है कि पंजाब में ए.आई.जी./एस.एस.पी./एस.पी. की असामियां 160 हैं जबकि 192 पुलिस अफसर तैनात किए हुए हैं। 32 पुलिस अफसर ‘सरपल्स’ हैं। एडीशनल डीजी 11 हैं और कोई असामी खाली नहीं। ग्रह मंत्रालय अनुसार पंजाब पुलिस में 32 आईजी तैनात हैं और कोई असामी खाली नहीं। ए.एस.पीज की 294 पद प्रवानित हैं और कोई भी खाली नहीं है।

 

पंजाब पुलिस की कुल (सिविल और आर्म्ड) मंजूरशुदा संख्या 87,672 है, जिसमें से 7186 असामियां खाली हैं। सिपाहियों की 50,214 में से 46,070 और हवलदारों की 10059 में से 8511 भरीं हैं। इंस्पैक्टरों की 158, सब इंस्पैक्टरों की 322 और ए.एस.आईज के 418 पद खाली हैं। इस हिसाब से पंजाब में औसतन 363 व्यक्तियों की सुरक्षा के लिए एक पुलिस मुलाजिम तैनात है।  भौगोलिक तौर पर देखें तो पंजाब में 100 वर्ग किलोमीटर की सुरक्षा का जिम्मा 123 पुलिस मुलाजिमों के पास है जबकि प्रवानित संख्या 136 मुलाजिम है। पुलिस अफसरों ने अपने दफ्तरों और घरों, कैंप दफ्तरों में थोक में सीसीटीवी कैमरे लगाए हुए हैं।

 
सरकारी रिहायशों की नहीं कमी :  
पंजाब पुलिस के पास 33,467 सी.सी.टी.वी. कैमरे हैं, जो देश भर में से सबसे अधिक हैं। किसी पुलिस अफ़सर के पास सरकारी रिहायश की कमी नहीं है। सिर्फ दो एस.एस.पी. दफ्तरर किराए की इमारतों में हैं। दूसरी तरफ पंजाब में निचले 13,083 पुलिस मुलाजिमों के पास ही सरकारी क्वार्टर की सुविधा है। पुलिस अफसरों के पास नई गाड़ियां हैं और हर बड़े अफसर की सुरक्षा के लिए मुलाजिमों की फौज लगी हुई है। पंजाब में समेत रेलवे 404 पुलिस थाने हैं जबकि स्वीकृति थानों की संख्या 399 है और 165 चौकियां हैं। इनमें से 30 थानों के पास टैलीफोन और 16 के पास वायरलैस की कमी है जबकि 32 थाने किराए की इमारतों में चल रहे हैं। 22 पुलिस चौकियां भी किराए की इमारतों में हैं। पंजाब में 172 आई.पी.एस. अफसरों के पद प्रवानित हैं और तायनाती 147 अफसरों की है जबकि 15 अफसर केंद्रीय डैपूटेशन पर हैं। पुलिस के पास पंजाब भर में सिर्फ 52 स्पीडोमीटर हैं जबकि सड़क हादसे हर रोज घट रहे हैं।


सालाना 600 कत्ल और हजारों चोरियां : 
पंजाब पुलिस का 2015-16 वर्ष में 4596 करोड़ का खर्चा था। साल 2016 -17 में यह खर्चा 3914 करोड़ रहा। पुलिस प्रशिक्षण पर साल 2015 -16 में 62.76 करोड़ और साल 2016-17 में 41.79 करोड़ खर्च किए गए हैं। पंजाब में पिछले कुछ वर्षों से औसतन हर वर्ष चोरी के 5500 केस दर्ज हो रहे हैं जबकि सालाना 600 से पर कत्ल हो रहे हैं। गैंग्स्टरों की गैंगवार किसी को भूली नहीं है। बीते वर्ष हिंदु नेताओं के कत्ल ने चिंता ओर बढ़ाई है। लोकतांत्रिक अधिकार सभा के प्रधान प्रिंसीपल बग्गा सिंह ने कहा कि पुलिस बड़ी संख्या में वीआईपीज के साथ तैनात है जबकि आम आदमी को दहशत के माहौल में रहना पड़ रहा है।

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