Edited By Tanuja,Updated: 29 Sep, 2020 03:25 PM
चीन पूर्वी जापान सागर से लेकर लद्दाख तक अपनी दादागिरी दिखा रहा है। चीन की आक्रामक व उकसाने वाली नीतियों का सामना कर रहे...
इंटरनेशनल डेस्कः चीन पूर्वी जापान सागर से लेकर लद्दाख तक अपनी दादागिरी दिखा रहा है। चीन की आक्रामक व उकसाने वाली नीतियों का सामना कर रहे दुनिया के चार महाशक्तिशाली देश अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया ड्रैगन से टकराने का प्लान बना रहे हैं। इस योजना की रूपरेख बनाने के लिए इन चारों देशों के विदेश मंत्री 6 अक्टूबर को जापान की राजधानी टोक्यो में मिलेंगे। द क्वॉड्रिलैटरल सिक्यॉरिटी डायलॉग (Quad) के ये सदस्य देश इंडो-पैसफिक इलाके को स्वतंत्र और मुक्त बनाए रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएंगे व 'एशियाई नाटो' की रूपरेखा बनाएंगे।
बता दें कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की इसी दादागिरी को रोकने के लिए जापान और भारत अपने संबंधों को मजबूत कर रहे हैं। इसी सिलसिले में जापान के नवनियुक्त प्रधानमंत्री योशिदे सुगा ने पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की थी। इस बातचीत के दौरान पीएम मोदी और सुगा ने दोनों देशों के बीच आर्थिक और सैन्य संबंधों को और मजबूत करने पर सहमति जताई है। वहीं, पीएम सुगा ने चीन से बढ़ते खतरे को कम करने के लिए क्वॉड का सुझाव दिया था। माना जा रहा है कि जापानी प्रधानमंत्री के सुझाव पर अब 6 अक्टूबर को चारों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक होने जा रही है। जापानी पीएम ने पीएम मोदी से कहा था कि वे फ्री और ओपन इंडो-पैसिफिक रीजन के लिए भारत-जापान-ऑस्ट्रेलिया और यूएस के बीच सहयोग को बढ़ाना चाहते हैं।
बता दें कि चीन से बढ़ते खतरों को देखते हुए इन चार देशों ने मिलकर क्वॉड को बनाने का फैसला किया है। इसके अलावा जापानी पीएम ने संयुक्त राष्ट्र में भी आपसी सहयोग को बढ़ाने को लेकर बातचीत की है। चीन से खतरे को देखते हुए भारतीय और जापानी आर्मी चीफ भी लगातार एक दूसरे के संपर्क में हैं। 14 सितंबर को ही जापानी सेना के चीफ ऑफ स्टाफ जनरल यूसा ने भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे से बातचीत की थी। इस दौरान दोनों सेना प्रमुखों ने इंडो पैसिफिक क्षेत्र में चीन की बढ़ती घुसपैठ के खिलाफ आपसी सहयोग को बढ़ाने पर सहमति जताई थी।