Edited By Riya bawa,Updated: 04 Apr, 2020 06:33 PM
कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण मरीजों की संख्या दुनिया भर में दस लाख से पार हो चुकी है। सारी दुनिया के...
नई दिल्लीः कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण मरीजों की संख्या दुनिया भर में दस लाख से पार हो चुकी है। सारी दुनिया के वैज्ञानिक और चिकित्सक इसकी दवा बनाने में जुटे हैं। इस वायरस का सबसे पहला शिकार बना चीन भी इसकी दवा को बनाने में जुटा हुआ है वहीं उसका सबसे बड़ा प्रतिद्वंदी अमेरिका भी इस काम में पूरी ताकत से जुटा है। दोनों की इसको लेकर काफी बराबरी पर हैं।
दोनों देशों ने एक साथ ही शुरू किया था ट्रायल
अमेरिका ने इसकी दवा बनाने का दावा कर 17 मार्च को इसका इंसान पर ट्रायल शुरू कर दिया था। वहीं कोरोना वायरस से परेशान चीन ने भी 17 मार्च को ही इसके इलाज के लिए बनाई गई वैक्सीन का क्लीनिकल ट्रायल शुरू किया था। यही वजह है कि ये दोनों इस वक्त काफी बराबरी पर हैं। गौरतलब है कि दिसंबर से लेकर अब तक कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया पर टूटा है। आज कोई देश ऐसा नहीं है जहां पर इसका कोई मरीज न हो। बीते तीन माह में इसकी वजह से पूरी दुनिया खतरे में आ गई है।
ऑस्ट्रेलिया भी है दौड़ में
कोरोना के इलाज़ के लिए ऑस्ट्रेलिया की नेशनल साइंस एजेंसी के शोधकर्ताओं ने दो वैक्सीन का परीक्षण शुरू कर दिया है। इसमें एक वैक्सीन को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने विकसित किया है जबकि दूसरी अमेरिकी कंपनी इनोविओ फार्मास्युटिकल्स ने तैयार की है। वैक्सीन का पहले जानवरों पर परीक्षण किया जाएगा। न्यूज एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, कॉमनवेल्थ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन (सीएसआईआरओ) का कहना है कि वैक्सीन का पहला परीक्षण पूरी तरह से जानवरों पर आजमाया गया प्री-क्लिनिकल ट्रायल होगा। इसके जिलॉन्ग में ऑस्ट्रेलियन हेल्थ लेबोरेटरी (एएएचएल) में परीक्षण के पहले चरण की शुरुआत की है।