Edited By shukdev,Updated: 11 Oct, 2019 07:34 PM
राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों और उनके परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि उनके ऊपर आरएचसी होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड का कोई धन बकाया नहीं है। ढिल्लों ने उच्च न्यायालय...
बिजनेस डेस्कः राधा स्वामी सत्संग ब्यास (RSSB) के प्रमुख गुरिंदर सिंह ढिल्लों और उनके परिवार के सदस्यों ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाते हुए कहा कि उनके ऊपर आरएचसी होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड का कोई धन बकाया नहीं है। ढिल्लों ने उच्च न्यायालय से कहा कि मालविंदर और शिविंदर सिंह प्रवर्तित आरएचसी होल्डिंग ने यह गलत दावा किया है कि उसका उनके ऊपर धन बकाया है।
उल्लेखनीय है कि जापान की फार्मा कंपनी दाइची सान्क्यो ने रैनबैक्सी लैबोरेटरीज के पूर्व प्रवर्तकों मालविंदर और शिविंदर के खिलाफ 3,500 करोड़ रुपए का मध्यस्थता का मामला जीता था। अदालत ने ढिल्लों को निर्देश दिया था कि वह 3,500 करोड़ रुपए के पंचाट निर्णय के क्रियान्वयन के सिलसिले में आरएचसी होल्डिंग्स प्राइवेट लि.को देय धन अदालत में जमा कराएं। ढिल्लों ने अदालत के इस निर्देश के बाद अपील दायर की है। ढिल्लों ने अदालत से कहा कि आरएचसी होल्डिंग्स का यह दावा गलत है कि उनके ऊपर कंपनी का धन बकाया है।
न्यायमूर्ति जे आर मिधा ने ढिल्लों की याचिका पर आरएचसी होल्डिंग्स, सिंह बंधुओं और दाइची से जवाब मांगा है। अदालत ने सितंबर में अपने गार्निशी आदेश में ढिल्लों परिवार सहित तीसरे पक्ष के 55 लोगों और इकाइयों को अपने ऊपर आरएचसी होल्डिंग्स के बकायों की राशि 30 दिन में दिल्ली उच्च न्यायालय के महापंजीयक के पास जमा कराएं। गार्निशी आदेश से तात्पर्य कर्ज या बकाए की वसूली को तीसरे पक्ष के खिलाफ आदेश से है।