Edited By Anil dev,Updated: 10 Sep, 2020 01:13 PM
पांच राफेल लड़ाकू विमानों को बृहस्पितवार को अंबाला हवाई ठिकाने पर हुए शानदार समारोह में भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया। यह भारत की वायु शक्ति की क्षमता को ऐसे समय में बढ़ावा दे रहा है जब देश पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा...
नई दिल्ली: पांच राफेल लड़ाकू विमानों को बृहस्पितवार को अंबाला हवाई ठिकाने पर हुए शानदार समारोह में भारतीय वायु सेना में औपचारिक रूप से शामिल किया गया। यह भारत की वायु शक्ति की क्षमता को ऐसे समय में बढ़ावा दे रहा है जब देश पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ है। वहीं लड़ाकू विमान राफेल के भारतीय वायुसेना में औपचारिक रूप से शामिल होने के साथ ही चीन को कड़ा संदेश भी देते हुए राजनाथ ने कहा कि सीमाओं पर जिस तरह का माहौल बना है या बनाया या है उसे देखते हुए राफेल का इंडक्शन काफी अहम है। उन्होंने कहा कि राफेल गेम चेंजर है और मल्टी रोल कैपिसिटी के साथ दुश्मनों को सबक सिखाने में सक्षम है।
राजनाथ सिंह ने कहा, राफेल का भारतीय वायुसेना में शामिल होना पूरी दुनिया के लिए कड़ा संदेश है, खासकर उनके लिए जो हमारे हक पर नजर डाल रहे हैं। मैं वायुसेना के साथियों को बधाई देता हूं। हाल ही में एलएसी पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के दौरान आपने जो तेजी और सतर्कता दिखाई, उससे आपके कमिटमेंट का पता चलता है। इसके साथ ही राजनाथ ने राफेल को दुनिया भर में सर्वश्रेष्ठ में से एक माना जाता है, राफेल सौदा भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी महत्वपूर्ण है। राफेल विमानों को शामिल किया जाना सीमा सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का उदाहरण है। उन्होंने कहा कि बदलते समय के साथ हमें खुद को तैयार रखना होगा, राष्ट्रीय सुरक्षा प्रधानमंत्री मोदी के लिए बड़ी प्राथमिकता है। भारत की जिम्मेदारी उसकी क्षेत्रीय सीमा तक सीमित नहीं है; हम हिंद-प्रशांत, हिंद महासागर क्षेत्र में शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं । हिंद-प्रशांत और हिंद महासागर क्षेत्र में हमारी भूमिका लगातार बढ़ रही है। आतंकवाद से लड़ाई तथा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार के संबंध में भारत और फ्रांस के विचार समान हैं।
भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हुए पांच राफेल विमान
पांच राफेल लड़ाकू विमानों को बृहस्पितवार को अंबाला हवाई ठिकाने पर हुए शानदार समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, उनकी फ्रांसीसी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष बिपिन रावत और एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया समेत कई अन्य पदाधिकारी इस समारोह में शामिल हुए। भारतीय वायु सेना के 17वें स्क्वाड्रन में राफेल विमानों को शामिल किए जाने के इस समारोह में पारंपरिक सर्व धर्म पूजा, पानी की बौछारों से विमानों को सलामी देने के साथ ही विमान द्वारा कई दिल थाम देने वाले करतब दिखाए गए। भारतीय वायु सेना ने एक ट्वीट कर इस नये विमान का अपने शस्त्रागार में स्वागत किया। फ्रांस की एरोस्पेस क्षेत्र की दिग्गज कंपनी दसॉल्ट एविएशन द्वारा निर्मित बहु भूमिका वाले राफेल विमानों को हवाई श्रेष्ठता और सटीक निशानों के लिए जाना जाता है। पांच राफेल विमानों का पहला जत्था 29 जुलाई को भारत पहुंचा था। इससे करीब चार साल पहले भारत ने फ्रांस के साथ 59,000 करोड़ रुपये की लागत से ऐसे 36 विमानों की खरीद के लिए अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।