Edited By Anil dev,Updated: 27 Sep, 2018 06:03 PM
राफेल सौदे को लेकर एक तरफ जहां कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी पीएम मोदी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं, वहीं यूपीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने राफेल को लेकर कांग्रेस के दावों की हवा निकालते हुए...
नई दिल्ली: राफेल सौदे को लेकर एक तरफ जहां कांग्रेस के अध्यक्ष राहुल गांधी पीएम मोदी पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं, वहीं यूपीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अध्यक्ष शरद पवार ने राफेल को लेकर कांग्रेस के दावों की हवा निकालते हुए कहा कि पीएम मोदी के इरादों पर शक नहीं किया जा सकता है।
मीडिया से बातचीत के दौरान शरद पवार ने राफेल सौदे की जानकारी को लेकर कांग्रेस की मांग पर सवाल उठाते हुए कहा कि इन मांगों का कोई औचित्य नहीं है। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि फाइटर प्लेन की कीमतों का खुलासा करने से सरकार को कोई खतरा नहीं होता। उन्होंने कहा, "निजी तौर पर मुझे लगता है कि लोगों को पीएम मोदी के इरादों पर कोई शंका नहीं है।" हालांकि, उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जिस तरह से मामले को लेकर सरकार के पक्ष को रखा, उससे लोगों के मन में दुविधा की स्थिति पैदा हुई है। शरद पवार ने कहा, "मुझे लगता है कि जनता के मन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीयत को लेकर कोई शंका नहीं है।"
राफेल पर सियासत
आपको बता दे कि राफेल डील को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का मोदी सरकार पर हमला लगातार बढ़ता जा रहा है। फ्रांस के खुलासे के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भारत के साथ विश्वासघात करने और सैनिकों के लहू का अपमान करने का आरोप लगाया। यही नहीं, कांग्रेस अध्यक्ष ने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के दावों पर सवाल उठाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है।
रक्षा मंत्री की सफाई
विपक्ष के आरोपों में घिरी मोदी सरकार को बचाने के लिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अहम भूमिका निभा रही हैं। उनके अनुसार, भारत की रक्षा तैयारियों से संबंधित एक संवेदनशील मुद्दे पर विपक्ष के आरोप निराधार हैं। सीतारमण ने स्पष्ट किया था कि मोदी सरकार ने 2016 में 58,000 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए फ्रांस के साथ एक सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। उन्होंने उस आरोप को भी खारिज किया था कि सरकार समझौते से ऑफसेट शर्तों के तहत रिलायंस डिफेंस लिमिटेड (आरडीएल) को लाभ पहुंचाने की कोशिश कर रही है।