Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Aug, 2020 03:48 PM
राफेल लड़ाकू विमान भारत आकर शांत नहीं बैठे हैं। भारतीय वायुसेना के पायलट इन दिनों राफेल को पहाड़ी क्षेत्र में रात में उड़ाने का अभ्यास कर रहे हैं। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के आसपास अब कई जगहों पर भारत और चीनी सैनिक आमने-सामने हैं। ऐसे...
नेशनल डेस्कः राफेल लड़ाकू विमान भारत आकर शांत नहीं बैठे हैं। भारतीय वायुसेना के पायलट इन दिनों राफेल को पहाड़ी क्षेत्र में रात में उड़ाने का अभ्यास कर रहे हैं। लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के आसपास अब कई जगहों पर भारत और चीनी सैनिक आमने-सामने हैं। ऐसे में तनाव के बीच पहाड़ी क्षेत्र में किसी भी संभावित युद्ध की तैयारी के लिए वायुसेना के पायलट हिमाचल प्रदेश में राफेल जेट के साथ ट्रेनिंग कर रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है कि ताकि अगर लद्दाख सेक्टर में 1,597 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर स्थिति बिगड़ती है तो पायलट किसी भी एक्शन के लिए तैयार रहें।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अगर लद्दाख सेक्टर में चीन से लगी सीमा पर हालात बिगड़ते हैं तो राफेल अपनी Meteor और SCALP मिसाइलों के साथ हमला करने को एकदम तैयार रहेंगे। राफेल भारतीय वायुसेना की गोल्डन एरोज स्क्वाड्रन को मिले हैं। बता दें कि भारत ने फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन से 36 राफेल फाइटर जेट खरीदने का अनुबंध किया है। इस डील के तहत पहले चरण में भारतीय वायुसेना को 29 जुलाई को 5 राफेल विमान मिले जो कि अंबाला में तैनात किए गए।