2 हफ्ते की देरी से भारत आएगा राफेल, दशहरे पर रिसीव करेंगे राजनाथ सिंह

Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Sep, 2019 03:33 PM

rafale will come to india with a delay of 2 weeks

लड़ाकू विमान राफेल जल्द ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने वाला है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद राफेल को रिसीव करने के लिए फ्रांस जाएंगे। फ्रांस ने राफेल को पहले 20 सितंबर को भारत को सौंपना था लेकिन अब इस तारीख में थोड़ा फेरबदल किया गया

नई दिल्लीः लड़ाकू विमान राफेल जल्द ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल होने वाला है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह खुद राफेल को रिसीव करने के लिए फ्रांस जाएंगे। फ्रांस ने राफेल को पहले 20 सितंबर को भारत को सौंपना था लेकिन अब इस तारीख में थोड़ा फेरबदल किया गया है। राफेल भारत को अब 20 सितंबर को नहीं बल्कि 8 अक्तूबर को मिलेगा। राजनाथ सिंह वायुसेना की एक टीम के साथ 8 अक्तूबर को फ्रांस जाएंगे और राफेल रिसीव करेंगे। बता दें कि 8 अक्तूबर को वायुसेना दिवस भी है और विजय दशमी भी। ऐसे में भारत को मिलने वाले राफेल की तारीख ऐतिहासिक होने जा रही है।

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राजनाथ सिंह फ्रांस के बॉर्डेक्स में एक मैन्यूफैक्चरिंग प्लांट में राफेल रिसीव करेंगे। इस दौरान वायुसेना के फायटर पायलट भी इस टीम के साथ फ्रांस जाएंगे। उल्लेखनीय है कि भारत ने फ्रांस के साथ 36 राफेल विमानों का करार किया है। अगले साल मई तक भारत को और राफेल मिलने शुरू हो जाएंगे। बता दें कि राफेल पर विपक्ष ने काफी विवाद खड़ा किया था। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में अपनी हर रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस डील में घोटाला करने का आरोप लगाया था। हालांकि वायुसेना ने राफेल को जरूरी बताते हुए इसकी मांग की है।

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राफेल को लेकर भारत में तैयारियां
भारतीय वायु सेना अपनी ‘गोल्डन ऐरोज' 17 स्क्वाड्रन को फिर से गठित कर सकती है जो राफेल लड़ाकू विमान उड़ाने वाली पहली इकाई होगी। वायु सेना प्रमुख बीएस धनोआ अंबाला वायुसेना केंद्र पर एक समारोह में 17 स्क्वाड्रन को फिर से शुरू करेंगे। वायुसेना राफेल विमानों का स्वागत करने के लिए तैयार है। करगिल युद्ध के समय 1999 में धनोआ ने ‘गोल्डन ऐरोज' 17 स्क्वाड्रन की कमान संभाली थी। बठिंडा वायु सेना केंद्र से संचालित स्क्वाड्रन को 2016 में बंद कर दिया गया था।

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तब वायुसेना ने रूस निर्मित मिग 21 विमानों को चरणबद्ध तरीके से हटाना शुरू किया था। स्क्वाड्रन की स्थापना 1951 में की गई थी और शुरू में इसने हैविलैंड वैंपायर एफ एमके 52 लड़ाकू विमानों की उड़ानों को संचालित किया था। यहां से भारत-पाक सीमा करीब 220 किलोमीटर है। राफेल की दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हासीमारा केंद्र में तैनात रहेगी।

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