राहुल गांधी ने PM CARES से खरीदे गए वेंटिलेटर्स के परफॉर्मेंस पर उठाए सवाल

Edited By Pardeep,Updated: 05 Jul, 2020 11:40 PM

rahul gandhi questions on performance of ventilators purchased from pm cares

कांग्रेस ने रविवार को सरकार पर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी नहीं कर लॉकडाउन का ‘‘समय बर्बाद'''' करने और कोविड-19 रोगियों के लिए ‘‘घटिया '''' वेंटिलेटर खरीदने का आरोप लगाया जबकि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल

नई दिल्लीः कांग्रेस ने रविवार को सरकार पर स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे में बढ़ोतरी नहीं कर लॉकडाउन का ‘‘समय बर्बाद'' करने और कोविड-19 रोगियों के लिए ‘‘घटिया '' वेंटिलेटर खरीदने का आरोप लगाया जबकि पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि पीएम केयर्स कोष में ‘‘अपारदर्शिता''से भारतीयों का जीवन खतरे में पड़ रहा है। 
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गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘पीएम केयर्स में अपारदर्शिता से भारतीयों का जीवन खतरे में पड़ता जा रहा है और सार्वजनिक धन का इस्तेमाल घटिया सामग्री खरीदने में हो रहा है।'' उन्होंने एक खबर को भी टैग किया जिसके अनुसार एक निजी कंपनी घटिया गुणवत्ता वाले वेंटिलेटर मुहैया करा रही है। ये वेंटिलेटर पीएम केयर्स कोष से खरीदे गए हैं। 
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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भी वेंटिलेटरों की खरीद में ‘‘घोटाले'' का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘वेंटिलेटर घोटाला। 50 हजार वेंटिलेटर के लिए आवंटित दो हजार करोड़ रुपए में से 23 जून तक केवल 1340 वेंटिलेटर की आपूर्ति हुई। खुली निविदा नहीं हुई। घटिया गुणवत्ता। प्रति वेंटिलेटर बताई गई डेढ़ लाख रुपये की राशि के बजाए चार लाख रुपये में इन्हें खरीदा गया।'' 

डिजिटल संवाददाता सम्मेलन में कांग्रेस के प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने सवाल किया कि सरकार 22 जून तक सिर्फ 1340 वेंटिलेटर क्यों खरीद सकी, जबकि 31 मार्च को 50 हजार वेंटिलेटरों का ऑर्डर दिया गया था। उन्होंने कहा कि असल खरीद भाजपा प्रमुख जे पी नड्डा के दावे के विपरीत है जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में जून के अंत तक 60,000 वेंटिलेटर होंगे। वल्लभ ने यह भी आरोप लगाया कि वेंटिलेटरों के लिए ऑर्डर देने में ‘‘भ्रम की स्थिति रही तथा देरी की गई'', पीएम-केयर्स कोष के पैसे को खर्च करने में ‘‘वित्तीय अव्यवस्था'' हुई एवं पारदर्शिता की कमी रही और ‘‘घटिया'' वेंटिलेटरों की आपूर्ति हुई। 

गौरतलब है कि भारत में रविवार को एक दिन में सबसे ज्यादा 24,850 कोरोना वायरस के मामले आए और 613 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद कुल मामले 6,73,165 हो गए, जबकि मृतकों का आंकड़ा 19,268 हो गया। जॉन होपकिन्स विश्वविद्यालय के मुताबिक, भारत कोरोना वायरस से दुनिया में तीसरा सबसे अधिक प्रभावित देश है। इससे पहले अमेरिका, ब्राजील हैं। मृतकों की संख्या के मामले में भारत का स्थान आठवां है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘देश में जिस तरह से कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे है, वह चिंताजनक है। मैं प्रार्थना करता हूं कि (बीमारी का) चरम जल्दी आए और देश को वायरस से छुटकारा मिले।'' 

उन्होंने कहा, ‘‘लॉकडाउन एक पॉज़ (ठहराव) बटन था और इसका इस्तेमाल स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए किया जाना चाहिए था। लेकिन सरकार ने समय बर्बाद किया और वेंटिलेटर की खरीद में कुप्रबंधन में संलिप्त रही।'' उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के मुताबिक, 22 जून तक सिर्फ 1340 वेंटिलेटर मिले, जबकि भाजपा के प्रमुख ने एक डिजिटल रैली में दावा किया था कि जून के अंत तक देश में 60,000 वेंटिलेटर होंगे। ढाई महीने से ज्यादा वक्त में थोड़े से वेंटिलेटर क्यों खरीदे गए। कौन जिम्मेदार है?'' 

 

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