राहुल गांधी ने कांग्रेस के अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा, हार की ली जिम्मेदारी

Edited By vasudha,Updated: 03 Jul, 2019 05:24 PM

rahul gandhi says congress should decide on the new president quickly

लोकसभा चुनाव के बाद से अपने इस्तीफे को लेकर बनी असमंजस की स्थिति और अटकलों पर विराम लगाते हुए राहुल गांधी ने बुधवार को त्यागपत्र की औपचारिक घोषणा कर दी...

नेशनल डेस्क: लोकसभा चुनाव के बाद से अपने इस्तीफे को लेकर बनी असमंजस की स्थिति और अटकलों पर विराम लगाते हुए राहुल गांधी ने बुधवार को त्यागपत्र की औपचारिक घोषणा कर दी। इसके साथ ही उन्होंने पार्टी को सुझाव दिया कि नया अध्यक्ष चुनने के लिए एक समूह गठित किया जाए क्योंकि उनके लिए यह उपयुक्त नहीं है कि इस प्रक्रिया में शामिल हों। चुनावी हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी की भविष्य के विकास के लिए उनका इस्तीफा देना जरूरी था। 

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राहुल गांधी ने एक बयान में कहा कि मेरे लिए कांग्रेस की सेवा करना सम्मान की बात है जिसके मूल्यों और आदर्शों ने हमारे सुंदर राष्ट्र की जीवनदायिनी के रूप में सेवा की है। मैं कृतज्ञता और असीम प्यार के लिए देश और अपने संगठन का कर्जदार रहूंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर 2019 के चुनाव की हार की जिम्मेदारी मेरी है। हमारी पार्टी के भविष्य के विकास के लिए जवाबदेही होना महत्वपूर्ण है। इसी कारण से मैंने कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया है। गांधी ने कहा कि पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए कड़े फैसलों की जरूरत है और 2019 के चुनाव की विफलता के लिए कई लोगों को जवाबदेह होना होगा। यह उपयुक्त नहीं होता कि मैं दूसरों को जवाबदेह ठहरा देता, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर अपनी जिम्मेदारी को नजरअंदाज कर देता।

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राहुल गांधी ने कहा कि मेरे कई साथियों ने सुझाव दिया कि मैं अगले कांग्रेस अध्यक्ष को नामित कर दूं। यह महत्वपूर्ण है कि कोई दूसरा हमारी पार्टी का नेतृत्व करे, लेकिन यह मेरे लिए उपयुक्त नहीं है कि मैं उस व्यक्ति का चयन करूं।हमारी पार्टी का गौरवशाली इतिहास और विरासत है। मैं इसके संघर्ष और गरिमा का बहुत सम्मान करता हूं। यह भारत के तानेबाने में समाहित है और मुझे विश्वास है कि पार्टी ऐसे व्यक्ति के बारे में बेहतरीन फैसला करेगी जो साहस, प्रेम और ईमानदारी के साथ नेतृत्व कर सके। उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने के तत्काल बाद मैंने अपने कांग्रेस कार्य समिति में अपने साथियों को सुझाव दिया कि नए अध्यक्ष को चुनने का काम आरंभ करने के लिए लोगों का एक समूह बनाया जाए। मैंने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा और इस प्रक्रिया एवं सहज बदलाव के लिए अपना पूरा सहयोग देने का वादा किया। 

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राहुल ने कहा कि मेरी लड़ाई सिर्फ राजनीतिक सत्ता के लिए कभी नहीं रही है। भाजपा के प्रति मेरी कोई घृणा या आक्रोश नहीं है, लेकिन मेरी रग-रग में भारत का विचार है। उन्होंने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा कि हमारे देश के संस्थागत ढांचे पर कब्जा करने का आरएसएस का घोषित लक्ष्य पूरा हो चुका है। हमारा लोकतंत्र बुनियादी तौर पर कमजोर हो गया है। अब इसका वास्तविक खतरा है कि आगे चुनाव महज रस्म अदायगी भर रह जाए। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद 25 मई को हुई पार्टी कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफे की पेशकश की थी। हालांकि कार्य समिति के सदस्यों ने उनकी पेशकश को खारिज करते हुए उन्हें आमूलचूल बदलाव के लिए अधिकृत किया था। इसके बाद से गांधी लगातार इस्तीफे पर अड़े हुए थे। हालांकि पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे आग्रह किया था कि वह कांग्रेस का नेतृत्व करते रहें।

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