राहुल गांधी बोले- हां मैं पायलट हूं, लेकिन मेरे पास अभी नहीं है लाइसेंस

Edited By Pardeep,Updated: 03 Jan, 2019 05:59 AM

rahul gandhi says yes i m a pilot but i do not have license right now

बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपने पिता और प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह पायलट थे। इसका खुलासा राहुल गांधी ने बुधवार को किया। वह राफेल डील पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल से अरुण जेतली को...

नई दिल्लीः बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी अपने पिता और प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तरह पायलट थे। इसका खुलासा राहुल गांधी ने बुधवार को किया। वह राफेल डील पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राहुल से अरुण जेतली को लेकर एक सवाल किया गया था।
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जेतली ने एक बयान में कहा था कि राहुल गांधी को प्लेन (जहाज) के बारे में पता नहीं है।इसका जिक्र करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष से सवाल किया गया कि मीडिया में ऐसी खबरें छपी थी कि आप पायलट हैं। क्या आप पायलट हैं? इसके जवाब में राहुल ने कहा - 'हां! हूं... लेकिन मेरे पास करंट लाइसेंस नहीं है। मैं पायलट हूं।' 
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राहुल गांधी अपने परिवार के कोई इकलौते सदस्य नहीं हैं जिन्हें प्लेन उड़ाने का तजुर्बा है। उनके पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी और उनके चाचा संजय गांधी भी पायलट रहे हैं। राजीव गांधी ने विमान चालक का करियर चुना और इस क्षेत्र में छोटे विमान से शुरू करके बड़े-बड़े बोइंग विमान तक उड़ाए। राजीव गांधी 1966 में ब्रिटेन से भारत लौटे और इंडियन एयरलाइंस में पेशेवर पायलट का पद संभाला। आमतौर पर राजीव गांधी दिल्ली-जयपुर-आगरा रूट पर विमान उड़ाते थे। इस रूट को उन दिनों आसान नहीं माना जाता था। कहा जाता है कि राजीव गांधी इंडियन एयरलाइंस के अध्यक्ष बनने की दौड़ में भी शामिल रहे, लेकिन यह उस दौरान मुमकिन नहीं हो सका था। हालांकि उन्होंने अपनी कोई निजी विमान कंपनी भी नहीं खोली।
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बहरहाल बता दें कि राहुल गांधी के चाचा संजय गांधी भी पायलट थे। कहा जाता है कि संजय गांधी सादगी पसंद शख्स थे। वह कोल्हापुरी चप्पलों में ही विमान उड़ाने लगते थे, जबकि ये चप्पलें कॉकपिट में हवा के उच्च दबाव को झेलने में सक्षम नहीं थीं। राजीव गांधी उन्हें बार-बार चेतावनी भी देते थे कि वे पायलट वाले जूते पहन कर ही प्लने उड़ाएं। लेकिन संजय उनकी बात पर ध्यान नहीं देते थे। लेकिन किसे पता था कि इस दिलेर शख्स की मौत विमान क्रैश में होगी। 23 जून 1980 को प्लेन क्रैश में उनकी जान चली गई।

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