महिला प्रोफेसर का दर्द सुन भावुक हुए राहुल, लगा लिया गले

Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Nov, 2017 07:57 PM

rahul get emotional about the pain of female professor

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं। गुजरात यात्रा के दौरान राहुल एक महिला प्रोफेसर का दर्द सुनकर भावुक हो गए और उसे गले लगा लिया। दरअसल राहुल की ओर से स्कूल शिक्षकों,...

नेशनल डेस्क: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों गुजरात विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार प्रसार में जुटे हुए हैं। गुजरात यात्रा के दौरान राहुल एक महिला प्रोफेसर का दर्द सुनकर भावुक हो गए और उसे गले लगा लिया। दरअसल राहुल की ओर से स्कूल शिक्षकों, प्राध्यापकों, व्याख्याताओं को बातचीत के लिए आमंत्रित किया गया था। इस दौरान महिला व्याख्याता रंजना अवस्थी भी आई थीं जिन्होंने अपनी दुर्दशा राहुल के समक्ष बयां की।

 


राहुल गांधी को अपनी पीड़ा सुनाते हुए संस्कृत में पीएचडी महिला ने कहा कि 22 सालों से पार्ट टाइम लेक्चरर की नौकरी करने के बाद भी हमारी वेतन केवल 12 हजार रुपए प्रतिमाह है। उन्होंने कहा कि हमें मातृत्व अवकाश नहीं दिया जाता है अब सरकार 40 हजार रुपए प्रति माह वेतन निश्चित कर हमारी पूरी सेवा को समाप्त करने की योजना बना रही है, इस कारण हमें पेंशन और अन्य लाभ नहीं मिलेंगे। महिला प्रोफेसर ने कहा कि बाकी लोगों की तरह हम भी पेंशन की सुविधा के साथ रिटायर होना चाहते हैं। रंजना का दर्द सुनने के बाद राहुल गांधी ने उन्हें गले लगा लिया और कहा कि कभी-कभी हमारे सामने कुछ ऐसे सवाल आ जाते हैं, जिनका हम शब्दों में जवाब नहीं दे पाते। इसके साथ ही उन्होंने वादा किया कि पार्टी इस मामले पर ध्यान देगी और अगर सत्ता में आएगी तब पब्लिक एजुकेशन सिस्टम और हेल्थकेयर सिस्टम पर ध्यान दिया जाएगा।

विजय रूपाणी से भी लगा चुकी हैं गुहार
रंजना ने बताया कि इस सिलसिले में वह मुख्यमंत्री विजय रूपाणी से लेकर उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल और शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह से मिल चुकी हैं लेकिन सभी ने उनको इंतजार करवाया। उनके मन में सरकार के लिए जो गुस्सा और दुर्व्यवहार किए जाने का जो दुख था वह राहुल गांधी से मिलते ही आंसुओं से फूट पड़ा। उन्होंने बताया कि वह10 वर्ष तक पार्ट टाइम प्रोफेसर रही फिर 2006 में सरकार ने विज्ञापन दिया कि पार्ट टाइम अध्यापकों को फुल टाइम प्रोफेसर बनाया जाएगा। इसके बाद भी 250-300 ऐसे प्रोफेसर हैं जिन्हें उनका पूरा वेतन नहीं दिया गया। अब सरकार ने फिक्स सैलरी का एक नया बम हम पर गिरा दिया है। प्रोफेसर ने बताया कि मुझे इस दौरान आर्थिक मानसिक और शारीरिक उत्पीडऩ से गुजरना पड़ा है। मैं लोगों को गुजरात मॉडल के अंदर शिक्षकों की परेशानियां सामने लाना चाहती हूं। 

 

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