Edited By Anil dev,Updated: 13 Feb, 2019 05:53 PM
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि राफेल सौदे पर कैग रिपोर्ट में वार्ताकारों की असहमति वाली टिप्पणियां नहीं हैं और उन्हें इस रिपोर्ट का इसके कागज (जिस पर यह लिखी गई है) जितना भी महत्व नजर नहीं आता।
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि राफेल सौदे पर कैग रिपोर्ट में वार्ताकारों की असहमति वाली टिप्पणियां नहीं हैं और उन्हें इस रिपोर्ट का इसके कागज (जिस पर यह लिखी गई है) जितना भी महत्व नजर नहीं आता। इस तरह, गांधी ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट को संसद में पेश किये जाने के कुछ कुछ ही घंटे बाद उसे खारिज कर दिया। गांधी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि राफेल लड़ाकू जेट विमानों के दामों और उनकी जल्द आपूर्ति संबंधी सरकार की दलीलें भी ध्वस्त हो गई हैं। कांग्रेस प्रमुख ने आरोप लगाया कि राफेल सौदे को करने का एकमात्र कारण उद्योगपति अनिल अंबानी को 30,000 करोड़ रूपए देना है। सरकार और अंबानी ने फ्रांस के साथ हुए इस लड़ाकू जेट सौदे पर कांग्रेस के आरोपों को खारिज कर दिया है।
गांधी ने कहा, ‘‘नए राफेल सौदे के लिए प्रधानमंत्री द्वारा दी गई दलील दाम और तीव्र आपूर्ति से जुड़ी है। यह ध्वस्त हो गई है।’’ उन्होंने इस सौदे की संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) द्वारा जांच की अपनी मांग दोहराते हुए कहा, ‘‘आप कहते हैं कि कोई घोटला नहीं हुआ, तब आप जेपीसी का आदेश देने से क्यों डरे हुए हैं। ’’ एक दिन पहले ही गांधी ने प्रधानंमत्री पर ‘देशद्रोह’ का अरोप लगाया था। उन्होंने उन पर राफेल जेट सौदे में अनिल अंबानी के ‘बिचौलिये’ की तरह काम कर सरकारी गोपनीयता कानून का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था।
राहुल ने यह दावा करने के लिए एक ई-मेल का हवाला दिया था कि अनिल अंबानी को भारत और फ्रांस द्वारा इस सौदे को अंतिम रूप दिए जाने से कई दिन पहले ही उसके बारे में जानकारी थी, लेकिन, भाजपा ने यह कहते हुए राहुल के आरोप को खारिज कर दिया कि एयरबस के कार्यकारी का यह कथित ई-मेल हेलीकॉप्टर सौदे के बारे में था न कि राफेल के बारे में। रिलायंस डिफेंस ने भी एक बयान जारी कर यह कहते हुए गांधी के आरोपों का खंडन किया कि ई-मेल में जिस एमओयू का जिक्र है, वह एयरबस हेलीकॉप्टर के साथ उसके सहयोग के बारे में है।