Edited By Punjab Kesari,Updated: 06 Feb, 2018 09:56 PM
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि इस सौदे के विवरण को सार्वजनिक नहीं करने से साफ होता है कि इसमें ‘घोटाला’ हुआ है। गांधी ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए मंगलवार को कहा कि इस सौदे के विवरण को सार्वजनिक नहीं करने से साफ होता है कि इसमें ‘घोटाला’ हुआ है। गांधी ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों से कहा कि मैंने गुजरात चुनाव के दौरान कहा था कि राफेल लडाकू विमान सौदे में घोटाला हुआ है। यह सौदा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। पीएम मोदी इसके लिए खुद पेरिस गए केंद्र की पिछली सरकार द्वारा किए गए सौदे को पलटा है। पूरा देश इस बात को जानता है।
गड़बड़ी हुई है इसलिए रक्षा मंत्री कह रही हैं कि कीमत को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता
उन्होंने कहा कि इस सौदे में गड़बड़ी हुई है इसीलिए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण कह रही हैं कि फ्रांस सरकार के साथ समझौते के कारण लड़ाकू विमान राफेल की कीमत को सार्वजनिक नहीं किया जा सकता। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि इसका क्या मतलब है। इसका मतलब है कि घोटाला हुआ है। रक्षा मंत्री ने सोमवार को राज्यसभा में एक लिखित जवाब में कहा था कि सरकार ने फ्रांस सरकार से 36 राफेल विमान खरीदने के लिए 23 सितंबर 2016 को एक अंतर सरकारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के अनुच्छेद 10 के अनुसार अंतर सरकारी समझौते के तहत एक दूसरे को दी गई सूचना और सामग्री की सुरक्षा वर्ष 2008 में फ्रांस सरकार और भारत सरकार के बीच हस्ताक्षरित सुरक्षा समझौते के उपबंधों के तहत शासित है। इस समझौते में न तो किसी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम और न ही किसी निजी क्षेत्र के उद्योग को शामिल किया गया है।
पीएम मोदी ने किया रक्षा सौदे की उपेक्षा
इस बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद और कांग्रेस के संचार विभाग के प्रमुख रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि मनमोहन सिंह सरकार के दौरान 126 राफेल विमान खरीदने का सौदा प्रति विमान 526 करोड़ रुपए की दर से तय हुआ था जबकि उन्हें सूचना मिली है कि अब एक विमान की कीमत 1570 करोड़ रुपए तय की गई है। पिछली सरकार में हुए सौदे में आठ पूरी तरह निर्मित विमान फ्रांस से आने की बात थी और तकनीकी हस्तान्तरण के तहत अन्य सभी विमानों का निर्माण सरकारी कंपनी हिन्दुस्तान एरोनोटिक्स लिमिटेड को करना था। उन्होंने कहा कि इस तरह के विमानों की खरीद की एक लंबी प्रक्रिया होती है लेकिन पीएम मोदी ने इसकी उपेक्षा कर 36 विमान खरीदने का सौदा कर लिया है तथा तकनीकी हस्तारण के जरिए एक निजी कंपनी अन्य विमानों का निर्माण करेगी।