रेलवे ने अब तक चलाईं 2,137 ‘श्रमिक स्पेशल’ ट्रेन, 31 लाख प्रवासी मजदूरों को पहुंचाया घर

Edited By Yaspal,Updated: 22 May, 2020 06:00 PM

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रेलवे ने एक मई से 2,317 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये 31 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है। यात्रियों की यह संख्या शुरूआती अनुमान 24 लाख से करीब सात लाख अधिक है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। रेलवे के मुताबिक...

नई दिल्लीः रेलवे ने एक मई से 2,317 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिये 31 लाख से अधिक प्रवासी श्रमिकों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया है। यात्रियों की यह संख्या शुरूआती अनुमान 24 लाख से करीब सात लाख अधिक है। आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। रेलवे के मुताबिक श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से अपने घर लौटे इन 31 लाख प्रवासी श्रमिकों में करीब 12 लाख लोग उत्तर प्रदेश, सात लाख से अधिक लोग बिहार, जबकि झारखंड और राजस्थान एक-एक लाख से अधिक लोग लौटे हैं।
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अधिकारियों ने बताया कि अपने गृह नगर वापस पहुंचाए जाने वाले प्रवासी श्रमिकों की संख्या के शुरूआती अनुमान विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा रेलवे के जोनल कार्यालयों को अप्रैल के अंत में उपलब्ध कराये गये ब्योरे पर आधारित थे। उस वक्त स्पेशल ट्रेनें चलाने के नियम-कायदों पर फैसला किया गया था। हालांकि, भारतीय रेल ने कहा कि अपने घर लौटना चाह रहे फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों की कुल संख्या के बारे में उनका मौजूदा ब्योरा नहीं है और वह राज्यों की जरूरतों के अनुसार ट्रेनों का परिचालन कर रही है। मुख्य रूप से राज्यों के अनुरोध पर श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं।
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एक अधिकारी ने कहा ,‘‘रेलवे इनमें से प्रत्येक ट्रेन पर औसतन लगभग 80 लाख रुपये खर्च कर रहा है।'' लॉकडाउन का अर्थव्यवस्था पर और लाखों प्रवासी श्रमिकों की आजीविका पर विनाशकारी प्रभाव हुआ। अप्रैल अंत में राज्यों द्वारा रेलवे को मुहैया किये गये आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक पश्चिम रेलवे को सात लाख प्रवासी श्रमिकों को उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, असम, हरियाणा और ओडिशा पहुंचाने के अनुरोध प्राप्त हुए। दक्षिण रेलवे को 11.4 लाख प्रवासी श्रमिकों को बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, असम, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना पहुंचाने के अनुरोध प्राप्त हुए।
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इसी तरह, मध्य रेलवे को 2.94 लाख प्रवासी श्रमिकों को, जबकि उत्तर रेलवे को 2.84 लाख प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह नगर पहुंचाने का अनुरोध प्राप्त हुआ। रेलवे के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘‘ राज्य सरकारों ने फंसे हुए लोगों के लिये हमें जो अनुमानित आंकड़ा दिया था, उसे हम पार कर चुके हैं। रेलवे जरूरत पड़ने पर प्रतिदिन 300 तक ट्रेनें चला सकता है।''
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रेलवे राजधानी(ट्रेन) मार्ग पर 12 मई से 15 जोड़ी ट्रेनें चला रहा है। इसके अलावा श्रमिक स्पेशल ट्रेनें भी चला रहा है। यह एक जून से 100 जोड़ी स्पेशल मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन भी करेगा। रेलवे के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘जब तक राज्यों से अनुरोध प्राप्त होता रहेगा, हम इन प्रवासी स्पेशल ट्रेनों को चलाना जारी रखेंगे। '' अधिकारियों ने बताया कि रेलवे को बिहार और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों से अनुरोध प्राप्त होना जारी है, जहां लोग लौटना चाहते हैं।

 

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