Edited By Seema Sharma,Updated: 10 May, 2018 09:25 AM
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रेन से उतरते समय या चढ़ते समय यात्री की मौत या उसका घायल होना ‘अप्रिय घटना’ है और ऐसी स्थिति में यात्री मुआवजे का हकदार है तथा इस स्थिति को उसकी लापरवाही नहीं मानी जा सकता है। वहीं, न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ...
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ट्रेन से उतरते समय या चढ़ते समय यात्री की मौत या उसका घायल होना ‘अप्रिय घटना’ है और ऐसी स्थिति में यात्री मुआवजे का हकदार है तथा इस स्थिति को उसकी लापरवाही नहीं मानी जा सकता है। वहीं, न्यायालय ने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ रेलवे परिसर में किसी शव या घायल के होने से यह निर्णय नहीं हो जाएगा कि घायल या मृत मुआवजे के संबंध में ‘वास्तविक यात्री’ था।
हालांकि कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यात्री के पास टिकट के न होने से उसे मुआवजे से मना नहीं किया जा सकता है और मुआवजे के दावेदार को जरूरी दस्तावेज पेश कर अपने मामले को साबित करना होगा। न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यामूर्ति रोहिंनटन एफ नरीमन की पीठ ने यह निर्णय दिया।