CAA विरोधी आंदोलन में रेलवे की 84 करोड़ की संपत्ति खाक, बंगाल में हुआ अधिक नुकसान

Edited By vasudha,Updated: 11 Jan, 2020 12:53 PM

railways target in anti caa movement

नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन और रेलवे स्टेशन को निशाना बनाया। जगह-जगह भारतीय रेलवे की प्रॉपर्टी को जलाया गया या फिर...

बिजनेस डेस्क: नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। सीएए के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन और रेलवे स्टेशन को निशाना बनाया। जगह-जगह भारतीय रेलवे की प्रॉपर्टी को जलाया गया या फिर तोड़फोड़ की गई। रेलवे को पश्चिम बंगाल में रेल परिसरों में आगजनी व हिंसा के कारण 84 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। 

PunjabKesari

कोलकाता उच्च न्यायालय के समक्ष दाखिल की गई रिपोर्ट में भारतीय रेलवे ने दावा किया है कि पश्चिम बंगाल में 13 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच सीएए और एनआरसी के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में उसे 84 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।पूर्व रेलवे ने मुख्य न्यायाधीश टी बी एन राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति ए बनर्जी की खंडपीठ के समक्ष शुक्रवार को एक हलफनामे में कहा गया कि विरोध प्रदर्शन के चलते उसे 72.2 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। 

PunjabKesari

हलफनामे में बताया गया कि सबसे अधिक 46 करोड़ रुपये का नुकसान सियालदह डिवीजन में हुआ। इसके अलावा मालदा डिविजन में 24.5 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दक्षिण पूर्वी रेलवे ने एक अलग हलफनामे में कहा कि उसे 12.75 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। मामले की अगली सुनवाई चार सप्ताह बाद होगी। इसके अलावा ट्रेनों के कैंसिल होने से भी रेलवे को बड़ा नुकसान हुआ है। जबकि इससे आम लोगों को होने वाली परेशानी का आकलन संभव नहीं है और इसे रुपयों में भी नहीं बदला जा सकता है। बता दें कि इस महीने के शुरुआत में नाराज प्रदर्शनकारियों ने पश्चिम बंगाल के विभिन्न भागों में रेलवे की कई संपत्तियों को नुकसान पहुंचा दिया। उन्होंने स्टेशन मास्टर के केबिन को आग लगाई और राज्य के मुर्शिदाबद जिले के बेलडांगा में आग लगाने से पहले टिकट काउंटर पर तोड़फोड़ की। 

PunjabKesari

आरोप साबित हुआ तो मिलेगी सजा  
इंडियन रेलवे पहली बार आंदोलन के नाम पर उपद्रव करने वालों पर कठोर कार्रवाई करने जा रहा है। रेलवे इस मामले में 151 के तहत केस दर्ज कराएगा। इस एक्ट के तहत अधिकतम 7 साल तक की सजा का प्रावधान है। इस मामले में दोषी ठहराए जाने और कम से कम 2 साल या अधिकतम सजा होने पर दोषी कोई चुनाव नहीं लड़ पाएगा। यही नहीं पहली बार रेलवे प्रोपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ नुकसान की वसूली के लिए अदालत का सहारा लिया जाएगा। 
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!