Edited By Yaspal,Updated: 27 Aug, 2024 09:42 PM
भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने चालू वित्त वर्ष में 25 अगस्त तक विभिन्न ट्रेनों एवं रेलवे प्रतिष्ठानों में भोजन की खराब गुणवत्ता की शिकायतों पर अब तक एक हज़ार से अधिक शिकायतों पर लगभग पौने तीन करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है
नई दिल्लीः भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने चालू वित्त वर्ष में 25 अगस्त तक विभिन्न ट्रेनों एवं रेलवे प्रतिष्ठानों में भोजन की खराब गुणवत्ता की शिकायतों पर अब तक एक हज़ार से अधिक शिकायतों पर लगभग पौने तीन करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। आईआरसीटीसी 1250 से अधिक ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों पर 500 से अधिक प्रतिष्ठानों में कैटरिंग सेवाएं सुलभ कराता है। पूरे भारत में प्रतिदिन औसतन 16 लाख भोजन परोसे जाते हैं।
सूत्रों के अनुसार यात्रियों की सेवाओं में सुधार के लिए रेल मदद के माध्यम से निरंतर सुझाव प्रोत्साहित किए जाते हैं। यात्रियों द्वारा रेल मदद पर दिए गए सुझावों में प्रश्न, सहायता की आवश्यकता और शिकायतें शामिल होती हैं। प्रत्येक सुझाव का विश्लेषण किया जाता है और मामलों की गंभीरता के अनुसार सुधारात्मक और दंडात्मक कारर्वाई की जाती है। सूत्रों के मुताबिक सभी प्रीमियम ट्रेनों में आईआरसीटीसी अधिकारियों की, यात्रा के दौरान शुरू से अंत तक मौजूदगी सुनिश्चित की गई है ताकि प्रश्नों/सहायता की जरूरत/शिकायतों का वास्तविक समय में समाधान संभव हो सका है। इसके अलावा ट्रेनों में कैटरिंग सेवाओं में सुधार के लिए हाल ही में कुछ अतिरिक्त कदम उठाए गए हैं।
आईआरसीटीसी ने रेल मंत्रालय के नीति दिशा-निर्देशों के अनुसार, 15 अगस्त 2024 तक 100 से अधिक ट्रेन क्लस्टरों को कैटरिंग सेवाओं का आवंटन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और 150 से अधिक बेस किचन स्थापित किए हैं। अत्याधुनिक उपकरणों से सुसज्जित ये बेस किचन ट्रेनों में कैटरिंग सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित कर रही हैं। वंदे भारत ट्रेनों में ब्रांडेड खाद्य पदार्थों की सेवा प्रदान करने के लिए पूरे भारत में स्वीकृत प्रतिष्ठित राष्ट्रीय ब्रांडों की सूची को अंतिम रूप दिया गया है। खाना पकाने की प्रक्रियाओं और सामग्री के मानकीकरण को सुनिश्चित करने के लिए भारतीय पाककला संस्थान के साथ समझौता किया जा रहा है।
सूत्रों ने कहा कि आईआरसीटीसी ने इस वर्ष 01 अप्रैल से 25 अगस्त के बीच 1000 से अधिक मामलों में 25-25 हजार रुपए और 20 मामलों में एक एक लाख रुपए या उससे अधिक का जुर्माना लगाया है। इस हिसाब से एक हजार से अधिक मामलों में ढाई करोड़ रुपए से ज़्यादा तथा बीस मामलों में बीस लाख रुपए से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। यह कुल राशि लगभग पौने तीन करोड़ रुपए के आसपास है।