ईडी में पेशी पर राज ठाकरे को मिला बड़े भाई उद्धव का समर्थन, जानिए क्यों?

Edited By Yaspal,Updated: 21 Aug, 2019 06:59 PM

raj thackeray s support for elder brother uddhav on ed appearance

‘आईएल ऐंड एफएस '' मामले में यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष मनसे प्रमुख राज ठाकरे की पेशी से एक दिन पहले बुधवार को उन्हें उनके चचेरे भाई एवं शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे का अप्रत्याशित समर्थन मिला। राज को भेजे ईडी के नोटिस के बारे

मुंबईः ‘आईएल ऐंड एफएस ' मामले में यहां प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष मनसे प्रमुख राज ठाकरे की पेशी से एक दिन पहले बुधवार को उन्हें उनके चचेरे भाई एवं शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे का अप्रत्याशित समर्थन मिला। राज को भेजे ईडी के नोटिस के बारे में पूछे जाने पर उद्धव ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे पूछताछ से कोई ठोस नतीजा निकलने की उम्मीद नहीं है।''

बाढ़ के हालात देखकर टाला जा सकता है आगामी विधानसभा चुनाव
बहरहाल, उद्धव ने हाल ही में राज के इस प्रस्ताव को लेकर उन्हें फटकार लगाई थी कि पश्चिमी महाराष्ट्र में आई बाढ़ से हुए नुकसान के मद्देनजर आगामी (विधानसभा) चुनाव को टाला जा सकता है। शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र सरकार में भाजपा की सहयोगी पार्टी है। उद्धव की यह टिप्पणी खासा मायने रखती है क्योंकि राज्य में साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं।

उल्लेखनीय है कि कोहिनूर सीटीएनएल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी में आईएल ऐंड एफएस द्वारा 450 करोड़ रूपये की इक्विटी निवेश एवं रिण से जुड़ी कथित अनियमियतताओं की जांच के सिलसिले में ईडी ने राज ठाकरे को नोटिस जारी किया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर जोशी के बेटे उन्मेश जोशी, राज ठाकरे और राज के करीबी सहयोगी एवं बिल्डर राजन शिरोडकर ने बंद हो गई कोहिनूर मिल की भूमि खरीदने और उसे (भूमि को) विकिसत करने के लिए इस कंपनी की स्थापना की थी।

कांग्रेस-एनसीपी ने बदले की राजनीति बताया
राज कथित तौर पर 2008 में इस कंपनी से बाहर निकल गये थे। उन्मेश से 19 अगस्त से ईडी के मुंबई कार्यालय में पूछताछ हो रही है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि राज को नोटिस भेजे जाने को राजनीतिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए। कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) सहित महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों ने राज के साथ खड़े होते हुए ईडी के इस कदम को सत्तारूढ़ भाजपा की प्रतिशोध की राजनीति करार दिया है।

वहीं, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा था कि ईडी की इस नोटिस से भाजपा का कोई लेना-देना नहीं है। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के दौरान राज ने कई रैलियां कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने शिवसेना की प्रत्यक्ष रूप से कोई आलोचना नहीं की थी। मनसे ने 2009 के विधानसभा और लोकसभा चुनावों में शिवसेना को काफी नुकसान पहुंचाया था। 

राज ठाकरे ने किया था उद्धव को शिवसेना अध्यक्ष बनाने का विरोध
वर्ष 2012 में उद्धव के एंजियोग्राफी कराने के बाद अस्पताल से छुट्टी मिलने पर राज उन्हें मातोश्री (घर) लेकर गये, जिससे दोनों चेचेरे भाइयों के रिश्तों में गर्माहट आने के कयास लगाये जाने लगे थे। राज ने उद्धव ठाकरे को शिवसेना का अध्यक्ष बनाए जाने का विरोध किया था और उन्होंने पार्टी छोड़ कर अपनी अलग राजनीतिक पार्टी (मनसे) बनाई।

इससे पहले, दोनों के बीच कई मौकों पर तीखी तकरार भी देखने को मिली। बृहन्मुंबई नगरपालिका चुनाव से एक साल पहले जुलाई 2016 में राज ने उद्धव से शिवसेना प्रमुख के आवास पर मुलाकात की, जिससे नगर निकाय चुनाव के लिए संभावित मेल-मिलाप की अटकलों ने जोर पकड़ा।

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