चुनाव नवम्बर-दिसम्बर में, पर टिकटों के लिए कांग्रेसियों ने दिल्ली दरबार में दी दस्तक

Edited By Vatika,Updated: 14 Sep, 2018 12:49 PM

rajasthan assembly election

राजस्थान विधानसभा के आम चुनाव चाहे नवम्बर-दिसम्बर में प्रस्तावित हैं परन्तु कांग्रेस की टिकट लेने के इच्छुक नेताओं ने दिल्ली दरबार में अभी से दस्तक देनी शुरू कर दी है जिससे राज्य में पार्टी के मूड का पता चलता है। विभिन्न ओपिनियन पोल्स में अभी तक यही...

जालंधर(धवन): राजस्थान विधानसभा के आम चुनाव चाहे नवम्बर-दिसम्बर में प्रस्तावित हैं परन्तु कांग्रेस की टिकट लेने के इच्छुक नेताओं ने दिल्ली दरबार में अभी से दस्तक देनी शुरू कर दी है जिससे राज्य में पार्टी के मूड का पता चलता है। विभिन्न ओपिनियन पोल्स में अभी तक यही बात उभर कर सामने आई है कि राजस्थान में सत्ताधारी भाजपा सत्ता से बाहर होने जा रही है तथा कांग्रेस सत्ता में काबिज होने जा रही है, जिस कारण कांग्रेस टिकट लेने के दावेदारों की गिनती में भारी बढ़ौतरी हो गई है।
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वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि टिकट मांगने के इच्छुक नेताओं द्वारा लगातार दिल्ली के दौरे किए जा रहे हैं ताकि वे अपनी टिकट यकीनी बना सकें। दावेदारों की भारी भीड़ को देखते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव व राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पार्टी के निष्ठावान वर्कर कांग्रेस की जीत के लिए कार्य करें न कि टिकट की तरफ, कांग्रेस सत्ता में आने के बाद उनके हितों का ध्यान रखेगी। कई कांग्रेसी नेता टिकट यकीनी बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी तक पहुंच बनाने में जुटे हुए हैं। कांग्रेस ने अभी तक टिकट वितरण को लेकर कोई प्रक्रिया शुरू नहीं की है, परन्तु फिर भी दावेदार दिल्ली तक लगातार पहुंचने में लगे हुए हैं। 
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी राजस्थान में 20 सितम्बर से अपने दौरे शुरू करने जा रहे हैं। उसके बाद वह लगातार राजस्थान जाकर कांग्रेस कार्यकत्र्ताओं का मनोबल बढ़ाएंगे। राहुल इससे पहले भी राजस्थान का दौरा कर चुके हैं तथा उन्होंने मुख्यमंत्री पद के दावेदार दोनों नेताओं अशोक गहलोत व सचिन पायलट को अपना ध्यान पार्टी की जीत की तरफ केन्द्रित करने के लिए कहा हुआ है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा भाजपा के 50 साल तक सत्ता में बने रहने के दिए गए बयान को देखते हुए गहलोत ने यह भी कह दिया  कि पहले भाजपा राजस्थान में तो अपनी सत्ता बचा ले, बाद में 50 साल के सपने देखे। गहलोत ने यह भी संकेत दिए हैं कि राजस्थान में कांग्रेस एकजुट होकर चुनाव लड़ेगी। चुनाव जीतने के बाद मुख्यमंत्री पद बारे निर्णय लिया जाएगा, जिससे साफ है कि कांग्रेस राजस्थान को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहती। 

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