राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच राहुल-प्रियंका से मिले सचिन पायलट

Edited By Anil dev,Updated: 10 Aug, 2020 04:16 PM

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राजस्थान में मचे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस के बागी नेता सचिन पायलट ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी से भी मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि दोनों पक्षों के बीच हुई यह मुलाकात काफी सकारात्मक रही है।

नई दिल्ली: राजस्थान विधानसभा के प्रस्तावित सत्र से कुछ दिनों पहले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से मुलाकात की। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल एवं प्रियंका से इस मुलाकात में पायलट ने विस्तार से अपना पक्ष रखा और फिर पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं ने उनकी चिंताओं के निदान का भरोसा दिलाया।

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पायलट से मुलाकात से पहले राहुल गांधी और प्रियंका ने करीब डेढ़ घंटे तक बैठक की । बाद में दोनों राहुल गांधी के आवास से निकले और किसी अन्य स्थान पर जाकर पायलट से मिले। यह मुलाकात विधानसभा सत्र आरंभ होने से कुछ दिनों पहले हुई है और अब राजस्थान में कांग्रेस के भीतर पिछले कुछ हफ्तों से चली आ रही उठापठक थमने की उम्मीद है।

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राजस्थान विधानसभा के प्रस्तावित सत्र से कुछ दिनों पहले तेज हुई सियासी हलचल की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सोमवार को बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के आवास पर कांग्रेस के दोनों नेताओं ने बैठक की। माना जा रहा है कि दोनों ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों तथा आगे के कदमों के बारे में चर्चा की। ऐसी खबरे हैं, पायलट एक बार फिर से कांग्रेस के शीर्ष नेताओं के संपर्क में हैं और जल्द ही कोई समाधान निकल सकता है। हालांकि, पायलट खेमे और कांग्रेस की तरफ से इसकी आधिकारिक रूप से कोई पुष्टि नहीं हुई है। 

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गौरतलब है कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने का प्रयास करेंगे। उधर, पायलट और बागी विधायकों के साथ बातचीत और सुलह के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, हमने पहले भी कहा है और आज भी कह रहे हैं कि अगर पायलट और दूसरे बागी विधायक सरकार को अस्थिर करने के प्रयास के लिए माफी मांग लें तो पार्टी उन्हें फिर से अपनाने पर विचार कर सकती है। मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था। बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे। उनके समर्थक विधायकों का कहना है कि वे गहलोत के नेतृत्व में काम करने के इच्छुक नहीं हैं। पिछले कई हफ्तों से चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस ने बार-बार दोहराया है कि अशोक गहलोत सरकार के पास 100 से अधिक विधायकों का समर्थन है और उसके ऊपर कोई खतरा नहीं है। 

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