Edited By Punjab Kesari,Updated: 24 Mar, 2018 09:49 PM
राजस्थान के शिक्षा विभाग ने एक अजीब कार्रवाई कर दी। जो पूरे राज्य में सुर्खियां बटोर रहा है। विभाग ने एक दिवंगत शिक्षक का तबादला कर दिया गया। इतना ही नहीं बल्कि बाद में उस शिक्षक को प्रमोशन भी दे दिया गया। अब इस घोर लापरवाही के कारण बीकानेर के...
नेशनल डेस्क: राजस्थान के शिक्षा विभाग ने एक अजीब कार्रवाई कर दी। जो पूरे राज्य में सुर्खियां बटोर रहा है। विभाग ने एक दिवंगत शिक्षक का तबादला कर दिया गया। इतना ही नहीं बल्कि बाद में उस शिक्षक को प्रमोशन भी दे दिया गया। अब इस घोर लापरवाही के कारण बीकानेर के माध्यमिक शिक्षा निदेशालय को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है।
यह है मामला
दरअसल, एक दिवंगत शिक्षक का जयपुर से अजमेर स्थानांतरण कर दिया गया। यही नहीं, मौत के बाद उनकी पदोन्नति (प्रमोशन) भी कर दी गई है। जयपुर के उच्च माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत मोहम्मद जाकिरका ट्रांसफर अजमेर के श्रीनगर ब्लॉक स्थित जीएसएसएस गेगल स्कूल में कर दिया गया। जबकि जाकिर की मौत 4 अप्रैल 2015 को जयपुर के अंबेर में एक दुर्घटना में हो गई थी।
निदेशक ने दी सफाई
जयपुर निदेशालय में निदेशक पद पर तैनात मुकेश कुमार शर्मा ने कहा कि वर्ष 2007-08 से पदोन्नति और तबादले के काम ठप पड़े हुए थे। उन्होंने बताया, 'हम लंबित पड़े पदोन्नति के मामलों का जल्द से जल्द निपटारा करने में व्यस्त थे। इसी वजह से हो सकता है कि जाकिर का आदेश भी पारित हो गया हो। मुझे यकीन है कि उनके देहांत के पहले से उनका पदोन्नति कार्य लंबित था। बहरहाल इस पूरे मामले की जांच होगी।'
जानिए, क्या कहते हैं जाकिर के भाई
स्वर्गीय जाकिर के भाई मोहम्मद उमर ने जब अपने स्वर्गवासी भाई का नाम शुक्रवार शाम तबादले की सूची में देखा तो वह हैरान रह गए। उमर ने बताया, 'मेरे भाई की मृत्यु का प्रमाणपत्र सभी विभागों को दिया जा चुका है। मेरी भाभी को राज्य की ओर से पेंशन भी मिल रही है। इसका साफ मतलब है कि विभाग को जाकिर के निधन की सूचना है। जाकिर के तीन बेटे हैं और हमने राजे सरकार से निवेदन किया है कि अनुकंपा योजना के तहत बड़े बेटे को नौकरी दी जाए।'
कार्यशैली पर उठाए सवाल
हैरानी वाली बात तो यह है कि निधन को दो वर्ष बीत जाने के बावजूद अभी तक रेकॉर्ड्स व्यवस्थित नहीं किए गए हैं। यह दर्शाता है कि शिक्षा के विभिन्न विभागों में किस तरह से लापरवाही की जा रही है। राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ के अध्यक्ष अमीन कहते हैं, 'सिर्फ तीन शिक्षकों के लिए जारी किए गए आदेशों में इतनी सारी गलतियां की गई हैं तो सोचिए सैकड़ों शिक्षकों के लिए आदेश जारी करने में किस तरह की गलतियां की जाती होंगी।'