Edited By Punjab Kesari,Updated: 25 Dec, 2017 11:29 PM
बिजली वितरण कंपनी जयपुर डिस्कॉम ने देश की सुरक्षा एवं अखण्डता को खतरा बताते हुए ये सूचना देने से इनकार कर दिया था। सूचना आयोग ने तर्क को विवेकहीन और आपत्तिजनक मानते हुए इसे ठुकरा दिया। बिजली कम्पनी के इंजीनियर को आदेश दिया कि 21 दिन में पूरी जानकारी...
जयपुरः नोटबंदी के दौरान बिजली विभाग में जमा कराए गए 500 व 1000 रुपए के नोट की जानकारी न देना विभाग भारी पड़ गया। दरअसल पूरा मामला राजस्थान में एक आरटीआई से जुड़ा हुआ है। आरटीआई का जवाब न मिलने पर मामले को दूसरी अपील में डाला गया था। इस राजस्थान के सूचना आयोग ने फैसला सुनाते हुए जयपुर डिस्कॉम, दौसा को फटकार लगाई। साथ ही विभाग को संबंधित जानकारियां तुरंत उपलब्ध कराने का भी आदेश दिया।
21 दिन में जानकारी उपलब्ध कराने का आदेश
सूचना आयुक्त आशुतोष शर्मा ने बांदीकुई निवासी हेमचंद सैनी की दूसरी अपील पर ये निर्देश दिया है। बिजली वितरण कंपनी जयपुर डिस्कॉम ने देश की सुरक्षा एवं अखण्डता को खतरा बताते हुए ये सूचना देने से इनकार कर दिया था। सूचना आयोग ने तर्क को विवेकहीन और आपत्तिजनक मानते हुए इसे ठुकरा दिया। बिजली कम्पनी के इंजीनियर को आदेश दिया कि 21 दिन में पूरी जानकारी मुहैया कराई जाए।
पिछले साल नवंबर में लगाई गई थी आरटीआई
सूचना आयोग ने अपने फैसले में बिजली कम्पनी के अधिकारियों को फटकार कर चेतावनी भी दी है कि सूचना आवेदनों का गंभीरता और संवेदनशीलता से निपटारा करें। सैनी ने बिजली कम्पनी से नवम्बर 2016 को नोटबंदी के दौरान बांदीकुई कार्यालय से बैंक में जमा हुए 500 व 1000 रुपए के पुराने नोटों की जमा पर्चियां, पासबुक की प्रति, जमा करवाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों का नाम आदि सूचना मांगी थी।
नोटबंदी के दौरान धांधली की आई थीं शिकायतें
बिजली कंपनी ने सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 8 (1) (क, ध, छ) के तहत सैनी को सूचना देने से इनकार कर दिया था। गौरतलब है कि नोटबंदी के दौरान दौसा क्षेत्र में बिजली कम्पनी के कर्मचारियों व बैंक अधिकारियों की मिलीभगत से गलत तरीके से पुराने नोट बदलने के कई मामले सामने आए थे जिनकी केंद्रीय एजेंसियां जांच भी कर रही हैं।