Edited By Yaspal,Updated: 25 Dec, 2018 05:35 AM
राजस्थान में कांग्रेस की सरकार सत्ता में है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के शपथ ग्रहण के बाद सोमवार को 13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्रियों ने शपथ ली। लेकिन इन सबके बीच खबर आ रही है कि दोनों के बीच...
नेशनल डेस्कः राजस्थान में कांग्रेस की सरकार सत्ता में है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट के शपथ ग्रहण के बाद सोमवार को 13 कैबिनेट और 10 राज्यमंत्रियों ने शपथ ली। लेकिन इन सबके बीच खबर आ रही है कि दोनों के बीच अभी सबकुछ सही नहीं चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक, आगे चलकर राज्य में पांच मंत्री और बनाए जा सकते हैं। फिलहाल मंत्रिमंडल के साथियों में विभाग के बंटवारे का भी पेंच फंसा है और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल की अनुमति के बाद ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
पहली बार 18 विधायकों को राज्य सरकार के मंत्रिमंडिल में शामिल होने का अवसर मिला है। प्रदेश के 14 जिलों में से अभी किसी को भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है। वहीं मारवाड़, पूर्वी राजस्थान और जयपुर को खासतौर पर अहमियत दी गई है। इस क्षेत्र से इसबार कांग्रेस की झोली में अच्छी सीटें आई हैं। इसलिए अशोक गहलोत ने 2019 में प्रस्तावित लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस क्षेत्र को खास प्रतिनिधित्व दिया है। मंत्रियों में 4-4 जाट, एससी, 3-3 एसटी, ओबीसी व वैश्य, 2-2 राजपूत, ब्राह्मण, गुर्जर और एक मुस्लिम समुदाय से हैं। ममता भूपेश के रूप में एक महिला को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है।
राजस्थान में मंत्रिमंडल के साथियों के चयन में जहां क्षेत्र, जाति, उम्र का खास ख्याल रखा गया है और करीब दर्जन भर से अधिक बड़े, नामी चेहरों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है, वहीं बीडी कल्ला, डॉ. रघु शर्मा, शांति धारीवाल, लाल चंद कटारिया जैसे चेहरे अशोक गहलोत मंत्रिमंडल का हिस्सा है। अशोक चांदना, ममता भूपेश, प्रताप सिंह खाचरियावास जैसे कई चैहरे सचिन पायलट के करीबी हैं।
सीपी जोशी खुद मंत्री नहीं बने हैं, लेकिन उनके दो करीबियों को मंत्रिमंडल में स्थान मिला है। अजमेर के सालेह मोहम्मद को भी मंत्री बनाया गया है। कुल मिलाकर अनुभव और युवा चेहरे का भरपूर तालमेल बनाकर मुख्यमंत्री गहलोत और उपमुख्यमंत्री पायलट ने 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखकर खाका तैयार किया है।
बता दें कि विभागों के बंटवारे के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सचिन पायल के साथ मिलकर खाका किया है। इस पर सहमति ली जा रही है। माना जा रहा है कि यह मामला भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के पास आएगा। उनसे मंजूरी लेने के बाद ही विभागों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया जाएगा। सचिन पायलट के पास गृहमंत्रालय जाना तय माना जा रहा है। वहीं अशोक गहलोत वित्त मंत्रालय अपने पास रख सकते हैं।