Edited By Punjab Kesari,Updated: 02 Apr, 2018 03:05 PM
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के संबंध में हाल में आए फैसले के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर कर दी है और वह सभी पार्टियों, संगठनों और लोगों से अपील करते हैं कि वे हिंसा न भड़काएं...
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि सरकार ने अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम के संबंध में हाल में आए फैसले के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर कर दी है और वह सभी पार्टियों, संगठनों और लोगों से अपील करते हैं कि वे हिंसा न भड़काएं तथा शांति बनाए रखें। सिंह ने संसद भवन परिसर में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि सरकार अनुसूचित जाति तथा जनजाति समुदाय के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और जरूरत के अनुसार सभी कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में समीक्षा याचिका भी दायर कर दी है।
इस फैसले के विरोध में देशभर में किए जा रहे बंद तथा विरोध प्रदर्शनों पर उन्होंने कहा कि वह सभी राजनीतिक पार्टियों , संगठनों और लोगों से अपील करते हैं कि वे हिंसा न भड़काएं और सांप्रदायिक सद्भावना बनाए रखें। केन्द्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने भी कहा कि भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन की सरकार अनुसूचित जाति तथा जनजाति समुदाय की हितैषी है और उसने हमेशा इन वर्गों के कल्याण की दिशा में काम किया है।
इस फैसले के विरोध में आंदोलन करने वालों से शांति बनाये रखने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार ने कोर्ट में समीक्षा याचिका दायर कर दी है इसलिए उन्हें अपना आंदोलन और विरोध प्रदर्शन बंद कर देने चाहिए और यदि वे इन्हें जारी रखते हैं तो यह ध्यान दें कि इनके कारण किसी तरह की हिंसा न हों। इस फैसले के मद्देनजर सरकार की आलोचना करने पर कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा कि बाबा साहेब अंबेडकर की मृत्यु 1956 में हो गई थी लेकिन उन्हें भारत रत्न 1989 में दिया गया। कांग्रेस सरकारों ने उन्हें इतने लंबे समय तक यह सम्मान क्यों नहीं दिया।