राजनाथ सिंह ने नई रक्षा खरीद प्रक्रिया जारी की, सेना को जल्दी मिलेंगे हथियार

Edited By Yaspal,Updated: 28 Sep, 2020 08:07 PM

rajnath singh released new defense procurement process army will soon get arms

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को एक नयी रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीएपी) को जारी किया जिसमें भारत को सैन्य प्लेटफॉर्म का वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने, रक्षा उपकरणों की खरीद में लगने वाले समय को कम करने तथा तीनों सेनाओं द्वारा एक सरल प्रणाली के...

नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को एक नयी रक्षा खरीद प्रक्रिया (डीएपी) को जारी किया जिसमें भारत को सैन्य प्लेटफॉर्म का वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने, रक्षा उपकरणों की खरीद में लगने वाले समय को कम करने तथा तीनों सेनाओं द्वारा एक सरल प्रणाली के तहत पूंजीगत बजट के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की खरीद की अनुमति देने जैसी विशेषताएं हैं।

अधिकारियों ने कहा कि नयी नीति के तहत ऑफसेट दिशानिर्देश को भी बदला गया है और भारत में उत्पादों के विनिर्माण की पेशकश करने वाली बड़ी रक्षा कंपनियों को तरजीह दी गयी है। उन्होंने कहा कि डीएपी में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, अनुबंध के बाद के प्रबंधन, डीआरडीओ तथा रक्षा क्षेत्र के सार्वजनिक उपक्रमों जैसे सरकारी निकायों द्वारा विकसित प्रणालियों की खरीद आदि के संबंध में नये अध्याय शामिल किये गये हैं। डीएपी में तीनों सेनाओं के लिए समयबद्ध तरीके से एक सरल प्रणाली के तहत पूंजीगत बजट के माध्यम से खरीद करने के संबंध में नये प्रावधान का प्रस्ताव है जिसे तीनों सेनाओं द्वारा आवश्यक सामग्री की खरीद में देरी को कम करने के अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है।

सिंह ने कहा कि डीएपी में भारत के घरेलू उद्योग के हितों की रक्षा करते हुए आयात प्रतिस्थापन तथा निर्यात दोनों के लिए विनिर्माण केंद्र स्थापित करने के लिहाज से विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) को बढ़ावा देने के प्रावधान भी शामिल हैं। रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया कि नयी नीति के तहत ऑफसेट दिशानिर्देशों में भी बदलाव किये गये हैं और संबंधित उपकरणों की जगह भारत में ही उत्पाद बनाने को तैयार बड़ी रक्षा उपकरण निर्माता कंपनियों को प्राथमिकता दी गयी है।

सिंह ने कहा कि डीएपी को सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत' की पहल के अनुरूप तैयार किया गया है और इसमें भारत को अंतत: वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने के उद्देश्य से ‘मेक इन इंडिया' की परियोजनाओं के माध्यम से भारतीय घरेलू उद्योग को सशक्त बनाने का विचार किया गया है। नयी नीति में खरीद प्रस्तावों की मंजूरी में विलंब को कम करने के लिहाज से 500 करोड़ रुपये तक के सभी मामलों में ‘आवश्यकता की स्वीकृति' (एओएन) को एक ही स्तर पर सहमति देने का भी प्रावधान है। डीएपी में रक्षा उपकरणों को शामिल करने से पहले उनके परीक्षण में सुधार के कदमों का भी उल्लेख है।

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