राजनाथ सिंह की चीन को चेतावनी- अस्पताल हो या बॉर्डर, तैयारी में हम पीछे नहीं रहते

Edited By Yaspal,Updated: 05 Jul, 2020 09:20 PM

rajnath singh warns china  be it hospital or border

पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को सीधे तौर पर चेतावनी दी है। दिल्ली में एक कोविड सेंटर का जायजा लेने पहुंचे रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत हर मोर्चे पर तैयार है। दरअसल, रक्षा मंत्री...

नई दिल्लीः पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच जारी गतिरोध के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीन को सीधे तौर पर चेतावनी दी है। दिल्ली में एक कोविड सेंटर का जायजा लेने पहुंचे रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत हर मोर्चे पर तैयार है। दरअसल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ कोविड-19 के मरीजों के इलाज के लिए बनाए गए 1,000 बिस्तरों वाले स्थाई अस्पताल का दौरा करने पहुंचे थे।

इसी दौरान चीन को लेकर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि हम हर मोर्चे पर तैयार हैं, चाहे बॉर्डर हो या फिर अस्पताल। तैयारी में हम पीछे नहीं रहते। वहीं, अमित शाह ने ट्वीट किया, “रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह जी के साथ 250 आईसीयू बिस्तर समेत 1,000 बिस्तर के अस्पताल का दौरा, जिसे डीआरडीओ तथा टाटा सन्स ने रिकॉर्ड वक्त में बनाया है।


यह अस्पताल इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे के पास रक्षा मंत्रालय की जमीन पर महज 11 दिन के भीतर बनाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस अस्पताल के आईसीयू में 250 बिस्तर हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि इस अस्पताल का संचालन सशस्त्र बलों के कर्मी करेंगे। बता दें कि चीन से चल रहे तनाव को देखते हुए अब एयरफोर्स और आर्मी मिलकर चीन पर नजर रख रही हैं। भारत ने गलवान घाटी में चीन के बराबर ही सैनिक तैनात कर दिए हैं।

चीन से तनातनी के बीच आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में राष्‍ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात की और चीन से जुड़े मुद्दों के बारे में बातचीत की। वहीं उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी चीन से चल रहे तनाव को देखते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, 'भारत इस समय बेहद नाजुक दौर से गुजर रहा है। हम एक साथ कई आतंरिक और बाहरी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन हमें जो चुनौतियां मिल रही हैं उसका सामना करने के लिए हमें दृढ़ नि​श्चय करना चाहिए।


पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन की सेनाओं के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए भारतीय वायुसेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अपने सभी प्रमुख केंद्रों पर फ्रंटलाइन लड़ाकू विमानों, हेलीकॉप्टरों तथा परिवहन बेड़े की तैनाती बढ़ा रही है। वायु सेना ने भारत की सैन्य तैयारियों को और मजबूत करने के लिए कई अग्रिम मोर्चों तक भारी सैन्य उपकरणों और हथियार पहुंचाने के लिए सी-17 ग्लोबमास्टर 3 परिवहन विमान और सी-130 जे सुपर हरक्युलिस के बेड़े को लगाया है।

आकस्मिकताओं से निपटने के लिए जरूरी बेस
इस साल मई में पूर्वी लद्दाख में LAC पर चीनी सेना की ओर सैन्य बल जुटाए जाने के बाद अमेरिकी मूल के चॉपर को अपने भारी-भरकम साथी चिनूक के साथ क्षेत्र में तैनात किया गया है, दोनों ने एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पूरे बेस में गतिविधियां तेज हो रही हैं और यह चीन सीमा पर देश की युद्ध की तैयारियों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। फ़्लाइट लेफ़्टिनेंट ने फॉरवर्ड एयरफ़ील्ड के महत्व के बारे में पूछे जाने पर कहा, "यह बेस इस क्षेत्र में ऑपरेशन करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सभी आकस्मिकताओं और इस क्षेत्र में किए जाने वाले सभी कॉन्टेस्ट और सपोर्ट ऑपरेशन के लिए क्लियर किया जाता है।

 

 

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