रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज लोकसभा में लद्दाख मुद्दे पर देंगे बयान

Edited By Yaspal,Updated: 15 Sep, 2020 05:51 AM

rajnath singh will give a statement on the ladakh issue in the lok sabha today

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध को लेकर मंगलवार को संसद में बयान देंगे। संसदीय सूत्रों ने यह जानकारी दी। विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की ...

नई दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीनी सैनिकों के बीच जारी गतिरोध को लेकर मंगलवार को संसद में बयान देंगे। संसदीय सूत्रों ने यह जानकारी दी। विपक्ष द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा कराए जाने की मांग के बीच यह बयान काफी महत्व रखता है। राजनाथ की हाल में मास्को में चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगहे के साथ मुलाकात हुई थी। कुछ दिन पहले विदेश मंत्री जयशंकर की भी चीन के उनके समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात हुई थी।

इस बीच, कैबिनेट और मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की मंगलवार अपराह्न वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बैठक हो सकती है। सरकार के सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सोमवार से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में विपक्ष भारत-चीन मुद्दे, कोविड की स्थिति, आर्थिक शिथिलता और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरने का कोई मौका छोड़ने के पक्ष में नहीं है।

बता दें कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने भारत-चीन सीमा पर तनाव के मुद्दे को उठाने का प्रयास किया लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने उनसे इस विषय को कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में उठाने को कहा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि यह एक ‘‘संवेदनशील'' मुद्दा है और इसे गंभीरता के साथ उठाया जाना चाहिए। इस विषय को बीएससी में रखें।

चौधरी ने कहा, ‘‘ मैं सरकार और रक्षा मंत्री का ध्यान ऐसे मुद्दे की ओर दिलाना चाहता हूं जो कई महीनों से हमारे सामने है। देश के लोग सीमा की स्थिति को लेकर चिंतित हैं।'' उन्होंने कहा कि आज ऐसी खबरें आई हैं कि चीन हमारे यहां नजर रख रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस विषय पर चर्चा कराने की मांग करते हैं ।'' द्रमुक सांसद टी आर बालू ने हाल में कुछ छात्रों की आत्महत्या करने की खबरों के विषय को उठया। उन्होंने कहा कि वह सदन का ध्यान उन 12 छात्रों की दशा की ओर दिलाना चाहते हैं जिन्होंने आत्महत्या कर ली।

उन्होंने आरोप लगाया कि ये सभी ग्रामीण पृष्टभूमि के थे और नीट परीक्षा के पाठ्यक्रम के कारण परेशान थे। बालू ने कहा कि उन्होंने राज्य बोर्ड के पाठ्यक्रम के तहत अध्ययन किया था और नीट में सीबीएसई बोर्ड के पाठ्यक्रम के तहत परीक्षा ली जाती है। कांग्रेस के मनीष तिवारी ने जम्मू कश्मीर की अधिकारिक भाषा के रूप में पंजाबी को भी शामिल करने की मांग की। 

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