Edited By Seema Sharma,Updated: 30 Sep, 2018 03:33 PM
नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी) केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित देश के चुनिंदा VIP को टॉप सुरक्षा घेरा प्रदान करती है। वहीं एनएसजी ने अब एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की तर्ज पर अपने प्रोटोकोल
नई दिल्लीः नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी) केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों सहित देश के चुनिंदा VIP को टॉप सुरक्षा घेरा प्रदान करती है। वहीं एनएसजी ने अब एसपीजी (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) की तर्ज पर अपने प्रोटोकोल और सुरक्षा कवच को और उन्नत किया है। सूत्रों के मुताबिक एनएसजी ने ‘क्लोज प्रोटेक्शन फोर्स’ (सीपीएफ) प्रोटोकोल अपनाया है जो पूरी तरह से इसके अभ्यास को एक नया आयाम देगा। नई सुरक्षा के तहत ब्लैक कैट कमांडों के जेड प्लस सुरक्षा घेरे से वीआईपी और भी बेहतर तरीके से सुरक्षित रहेंगे। इस बदलाव के साथ ही एनएसजी कमांडो अब वीआईपी को उस समय भी घेरे रखेंगे जब वे किसी सार्वजनिक स्थल पर भी होंगे।
उल्लेखनीय है कि पहले कमांडो वीआईपी को मोबाइल के जरिए भी सुरक्षा देते थे वे एक-दूसरे को फोन पर अलर्ट कर देते था, इतना ही जहां -जहां मंत्री चलते थे कमांडो उनके साथ होती थी लेकिन अब नेता सुराक्षा घेरे में होंगे। एसपीजी भी वीआईपी की परछाई की तरह ही सार्वजनिक स्थल के बाहर और अंदर उन्हें सुरक्षा प्रदान करते हैं। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक वीआईपी सुरक्षा के ‘ब्लैक बुक’ में बदलाव विशिष्ट लोगों को पेश आ रहे खतरों को ध्यान में रखकर किए गए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री से लेकर नक्सल और उग्रवाद प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी एनएसजी सुरक्षा प्रदान की जाती है। वीआईपी सुरक्षा कमांडो के पास अब आधुनिक और हाथ से पकड़ने वाला बैलिस्टिक शिल्ड, सुरक्षित काले चश्मे और डिजिटल कम्युनिकेशन डिवाइस होंगे। सूत्रों ने बताया कि एनएसजी ने पहली बार गृह मंत्री के लिए एडवांस सिक्योरिटी लाइजन (एएसएल) शुरू की है। इसके तहत गृह मंत्री के किसी स्थान पर पहुंचने से पहले ही उसकी अच्छी तरह जांच होगी। जरूरत के आधार पर अन्य को भी यह सुरक्षा कवच मिलेगा।