Edited By Yaspal,Updated: 30 Jul, 2019 08:42 PM
संसद ने मंगलवार को कंपनी (संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी प्रदान की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस विधेयक के कानून बनने के बाद कारोबार में सुगमता बढ़ेगी। राज्यसभा ने वित्त मंत्री के जवाब के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत
नई दिल्लीः संसद ने मंगलवार को कंपनी (संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी प्रदान की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस विधेयक के कानून बनने के बाद कारोबार में सुगमता बढ़ेगी। राज्यसभा ने वित्त मंत्री के जवाब के बाद इस विधेयक को ध्वनिमत से पारित कर दिया। लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है। यह विधेयक कानून बनने के बाद इससे संबंधित अध्यादेश का स्थान लेगा।
ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को मिलेगा बढ़ावा
इससे पूर्व वित्त मंत्री सीतारमण ने उच्च सदन में विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि विधेयक में प्रस्तावित संशोधनों से कारोबार में सुगमता (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) बढ़ेगी और कारोबार सुगमता सूचकांक में भारत का स्थान बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि 2013 में कांग्रेस नीत संप्रग सरकार ने कंपनी अधिनियम पारित किया था जिसमें लगातार संशोधन की मांगें उठती रहीं। उन्होंने कहा कि इस तरह के संशोधनों को सरकार अपनी इच्छा से नहीं लाती बल्कि सभी हितधारकों की मांगों के अनुरूप लाया जाता है।
कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) के प्रावधान पर विभिन्न सदस्यों के प्रश्नों के उत्तर में वित्त मंत्री ने कहा कि सीएसआर के लिए कंपनियों को तीन साल की अवधि दी गयी है और पहले साल में उन्हें इसके व्यय के बारे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी करनी है। उन्होंने स्पष्ट किया किया कि कम से कम पांच करोड़ रुपये का लाभ अर्जित करने वाली अथवा एक हजार करोड़ रुपये सालाना कारोबार वाली या 500 करोड़ रुपये शुद्ध परिसंपत्ति (नेट वर्थ) वाली कंपनियां सीएसआर के दायरे में होंगी। उन्होंने कहा कि सीएसआर का प्रावधान सभी कंपनियों पर लागू नहीं होगा।
संशोधन के बाद अब कंपनियों को यह बताना होगा कि सीएसआर की राशि कितनी है और कहां खर्च किया गया। इतना ही नहीं, सीएसआर का पैसा खर्च नहीं किये जाने पर प्रधानमंत्री राहत कोष सहित सातवीं अनुसूची में प्रावधानित किसी भी मद में स्थानांतरित कर दिया जायेगा।