Edited By Anil dev,Updated: 16 Jul, 2019 05:49 PM
महाराजा की आंखों में आंसू हैं, उसे आप लोग बचाइए। यह गुहार मंगलवार को राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने सरकार से की। राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने सदन में भारतीय विमानपत्तन...
नई दिल्ली: महाराजा की आंखों में आंसू हैं, उसे आप लोग बचाइए। यह गुहार मंगलवार को राज्यसभा में विपक्षी सदस्यों ने सरकार से की। राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के सदस्यों ने सदन में भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक 2019 पर चर्चा में भाग लेते हुए सरकार से सार्वजनिक क्षेत्र की विमान कंपनी एयर इंडिया को बचाने का अनुरोध किया। उन्होंने जेट एयरवेज समेत कई विमान कम्पनियों के बंद होने पर भी चिंता जाहिर की और इससे प्रभावित कर्मचारियों के पुनर्वास की मांग की। सदस्यों की अधिक चिंता इस बात पर थी कि एयर इंडिया भी अब बिक जाएगा जिसका प्रतीक महाराजा कई वर्षो से देश का प्रतीक बन हुआ है।
सत्ता पक्ष के सदस्यों का कहना था कि गत पांच साल में नागरिक उड्डयन क्षेत्र का इतना विकास हुआ कि चप्पल पहनकर चलने वाला आदमी भी अब विमान में चलने लगा है। राजद के मनोज झा ने कहा कि वह पिछले दिनों जब इम्फाल से लौट रहे थे तो उन्हें महाराजा को देखकर ऐसा लगा कि वह मानो झुक कर यह कह रहे है कि मुझे बचा लो। झा ने कहा कि इस देश में प्राथमिकताएं कोई और तय कर रहा है। च्क्रोनी कैपिटल के हाथों देश को लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा, महाराजा को बचाने की जिम्मेदारी विपक्ष की नहीं बल्कि सत्ता पक्ष की है। यह महाराजा आम आदमी का महाराजा बन गया था। उसकी आंखों में आज आंसू हैं। उन्हें पोछ लीजिए। उसे बचा लीजिए। कांग्रेस के वी. के. हरि प्रसाद ने कहा कि नागरिक उड्डयन क्षेत्र की जर्जर हालत है। कई कम्पनियां बंद हो गई है।
एयर इंडिया देश की सबसे पुरानी विमान कम्पनी है और देश के विमानन क्षेत्र की पहचान हैं। उसकी हालत खस्ता है। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सदन में एयर इंडिया के विनिवेश की बात कही तो सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मेजें थपथपा कर उसका स्वागत किया। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह स्वागत करने की बात है? तृणमूल के अहमद हसन ने कहा कि सरकार जेट एयरवेज को बचा नहीं सकी और उसके 22 हजार कर्मचारी बेकार हो गये। अब एयर इंडिया को बेचने की तैयारी चल रही है। यह दरअसल सेल इंडिया हो गया है।
माकपा के ई करीम ने कहा कि सरकार इस विधेयक की आड़ में हवाई अड्डों का निजीकरण करना चाहती है। रेलवे का भी निजीकरण किया जा रहा है और सस्ते दामों पर सार्वजानिक क्षेत्र के उपक्रम बेचे जा रहे है। भाजपा के सुरेश प्रभु ने विधेयक समर्थन करते हुए कहा कि पिछले पांच साल में विमानन क्षेत्र में क्रांति आयी है। विमान यात्रा इतनी सस्ती हो गई है चप्पल पहनने वाला व्यक्ति भी विमान में चलने लगा है। चर्चा में भाजपा के महेश पोद्दार, अन्ना द्रमुक के एन गोकुलकृष्णन, सपा के सुरेन्द्र नागर, बीजू जनता दल के अमर पत्निक आदि ने भाग लिया।