Edited By ,Updated: 16 Nov, 2016 03:44 PM
राज्यसभा सांसद और जाने माने वकील राम जेठमलानी ने मोदी सरकार के नोटबंदी अभियान पर तंज करते हुए कहा कि यह बड़े चोरों को बचाने का ‘कवरअप ऑपरेशन’ है
नई दिल्ली: राज्यसभा सांसद और जाने माने वकील राम जेठमलानी ने मोदी सरकार के नोटबंदी अभियान पर तंज करते हुए कहा कि यह बड़े चोरों को बचाने का ‘कवरअप ऑपरेशन’ है, इसकी विश्वसनीयता संदिग्ध है, बड़े चोर तो निकल भागे, छोट चोरों को पकडऩे के लिए नूरा कुश्ती हो रही है। जेठमलानी ने आज संसद का शीतकालीन सत्र शुरु होने के मौके पर संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि हालांकि वह नोटबंदी अभियान के खिलाफ नहीं है लेकिन इससे काले धन को बाहर निकालने में कोई बड़ी उपलब्धि हासिल नहीं होने वाली। छोटे चोर जरुर पकड़े जाएंगे लेकिन वे बड़े चोर जो लाखों रूपए लेकर विदेश भाग गए या अपना काला धन विदेशी बैंकों में छुपा कर रखे हुए हैं, हाथ नहीं आने वाले।
राज्यसभा सांसद ने कहा कि नोटबंदी अभियान गलत नहीं है लेकिन अगर इसे लागू करने वाले की विश्वसनीयता ही संदिग्ध हो तो यह बेमानी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने सत्ता में आने के पहले और बाद में दोनों समय इस बात के बड़े-बड़े वादे किए थे कि वह विदेशों में जमा काला धन वापस लाएंगे। लेकिन हकीकत में कुछ नहीं हुआ। उन्होंने कहा विदेशी बैंकों में देश के बड़े चोरों का 15 अरब डॉलर जमा है। यह आकंड़ा खुद सरकार का दिया हुआ है। जर्मनी में एक आदमी ने रिश्वत लेकर इन चोंरों के नाम की जानकारी भी दी है। लेकिन इन नामों को जानने की कोशिश न तो कांग्रेस की ओर से की गई न ही मोदी सरकार इसमें कोई दिलचस्पी ले रही है।
इसका सीधा मतलब यही है कि बड़े बेइमानों को पकडऩे की हिम्मत नहीं है तो छोटे बेईमानों के पीछे लग जाओ। इस नोटबंदी अभियान से देश में कोई क्रांतिकारी परिवर्तन नहीं आने वाला। इस सवाल पर कि क्या वह इस हक में हैं कि सरकार का यह फैसला वापस लिया जाना चाहिए। जेठमलानी ने कहा कि ऐसा नहीं है लेकिन इससे अगर आम आदमी परेशान हो रहा हो और कालेधन को वापस निकालने का उद्देश्य भी पूरा नहीं हो तो फिर इस फैसले पर सवाल उठना लाजमी है।