Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Jul, 2018 11:26 PM
सीबीआई निदेशक और उनके दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी के बीच खींचतान की खबरों के बीच केंद्रीय सतर्कता आयोग ने कुछ प्रमुख अधिकारियों को एजेंसी में कार्यकाल विस्तार देने के लिए मंजूरी दे दी है। विस्तार पाने वाले अधिकारियों में विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की...
नई दिल्ली: सीबीआई निदेशक और उनके दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी के बीच खींचतान की खबरों के बीच केंद्रीय सतर्कता आयोग ने कुछ प्रमुख अधिकारियों को एजेंसी में कार्यकाल विस्तार देने के लिए मंजूरी दे दी है। विस्तार पाने वाले अधिकारियों में विशेष निदेशक राकेश अस्थाना की टीम के कुछ अधिकारी भी शामिल हैं। अधिकारियों ने आज कहा कि केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के. वी. चौधरी की अध्यक्षता वाले पैनल ने जिन अधिकारियों के कार्यकाल को बढ़ाने का फैसला किया है उनमें एक उप महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी हैं जिन्हें हाल ही में उनके गृह कैडर वापस भेज दिया गया था। हालांकि अधिकारी को जल्द ही एजेंसी में वापस बुला लिया गया था। उन्होंने कहा कि इसके अलावा पैनल ने दो अन्य आईपीएस अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की अवधि बढ़ाने का भी फैसला किया है जो भगोड़े कारोबारी विजय माल्या समेत कई अहम मामलों की जांच में अस्थाना के साथ मिलकर काम कर रहे थे।
यह घटनाक्रम उस कदम के बाद आया है जिसमें सीबीआई ने सीवीसी को खत लिखकर कहा था कि गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना को एजेंसी के निदेशक आलोक वर्मा की गैरमौजूदगी में पैनल की बैठक में शामिल होने की इजाजत नहीं है। सीवीसी की अध्यक्षता वाले पैनल में सीबीआई निदेशक आमंत्रित सदस्य होते हैं। कार्यकाल विस्तार पाने वालों में संयुक्त निदेशक स्तर के दो अधिकारी-ए वाई.वी. कृष्ण और साई मनोहर अरामने शामिल हैं। सक्षम प्राधिकार ने 1995 बैच के मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी के कार्यकाल विस्तार को मंजूरी दी है।
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी एक हालिया आदेश में कहा गया है कि यह विस्तार 17 जुलाई 2018 से अप्रैल 2019 तक प्रभावी होगा। वहीं कृष्ण को 18 जुलाई 2018 से 17 जनवरी 2020 तक सीबीआई में कार्यकाल विस्तार दिया गया है। आदेश के मुताबिक मनीष किशोर सिन्हा को भी तीन अप्रैल 2018 से 30 नवंबर 2018 तक सेवा विस्तार दिया गया है। सिन्हा सीबीआई में संयुक्त निदेशक हैं। इसके अलावा कुछ और अधिकारियों का कार्यकाल भी एजेंसी में बढ़ाया गया है।