Edited By Seema Sharma,Updated: 10 Jan, 2019 03:51 PM
सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई।
नई दिल्ली: सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा एवं रोजगार में 10 प्रतिशत आरक्षण देने के प्रावधान वाले ऐतिहासिक संविधान संशोधन विधेयक को बुधवार को संसद की मंजूरी मिल गई। राज्यसभा ने करीब 10 घंटे तक चली बैठक के बाद संविधान (124वां संशोधन), 2019 विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से मंजूरी दे दी। बिल को लेकर सांसदों ने सदन में अपनी-अपनी बात भी रखी। वहीं बहस के दौरान केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने एक कविता के जरिए आरक्षण बिल पर अपनी बात रखी तो संसद में हंसी ठहाके गूंज उठे। सत्ता पक्ष और विपक्ष सांसद अठावले की कविता सुनकर खुद की हंसी नहीं रोक पाए।
राज्यसभा में अठावले की तुकबंदी:
आज मुझे बहुत अच्छा हो रहा है फील,
क्योंकि लोकसभा में पास हो रहा है आरक्षण का बिल।
इसलिए 2019 में मजबूत हो रही है नरेंद्र मोदी जी की हील,
क्योंकि राफेल में नहीं हुआ है बिलकुल गलत डील।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी हैं बहुत चालाक,
इसलिए संसद में बिल आया है सवर्ण आरक्षण और तीन तलाक।
नरेंद्र मोदीजी ने दिखाई है एक नई झलक,
अब मत दिखाओ राहुल गांधी जी गलत-गलत ।
नरेंद्र मोदी जी का था अच्छा लक्षण,
इसलिए सवर्णों को मिल रहा है आरक्षण।
राहुल गांधी नहीं, नरेंद्र मोदी जी कर रहे हैं देश का रक्षण,
2019 में कांग्रेस का हो जाएगा भक्षण।
राहुल जी, मोदी जी के साथ मत खेलो गलत चाल,
वरना हो जाएगा 2019 में बुरा हाल'।
सवर्णों को आरक्षण देने की नरेंद्र मोदी जी ने दिखाई है हिम्मत,
इसलिए 2019 में बढ़ेगी उनकी कीमत।
सवर्णों में भी गरीबी की रेखा,
नरेंद्र मोदी जी ने उसे देखा।
और 10% आरक्षण देने का ले लिया मौका,
लेकिन 70 साल तक कांग्रेस ने दिया था सवर्णों को धोखा।
नरेंद्र मोदी जी का कारवां आगे चला,
इसलिए गरीब सवर्णों का हुआ है भला।
नरेंद्र मोदी जी के साथ दोस्ती करने की मेरे पास है कला,
इसलिए कांग्रेस को छोड़कर मैं बीजेपी की तरफ चला।
सवर्णों को आरक्षन देकर मोदी जी ने मारा है छक्का,
इसलिए 2019 में उनका विजय है पक्का।
अगर मोदी जी और शाह जी मुझे दे देंगे थोड़ा धक्का,
तो मैं कांग्रेस के खिलाफ मार दूंगा छक्का।
भाजपा सांसदों ने अठावले के इस भाषण पर तालियां भी बजाई। वहीं कुमार विश्वास को अठावले की यह तुकबंदी पंसद नहीं आई। कुमार ने अपने फेसबुक पर इस तुकबंदी का जवाब भी दिया। उन्होंनेलिखा- लोकतंत्र की जिस संसदीय शक्तिपीठ में, कभी राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त, रामधारीसिंह दिनकर, बालकवि बैरागी और उदयप्रताप जी जैसे कवियों ने भाषा और कविता का गुण-गौरव गुंजाया था, वहां का हालिया 'उत्कर्ष' आप सब 'मतदाताओं' की सेवा में प्रस्तुत है! ऐसे 'हल्के-फुल्के' लोकतंत्र की जय हो.।