Edited By vasudha,Updated: 01 Apr, 2021 02:22 PM
कांग्रेस ने सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने और फिर अपने इस फैसले को वापस लिए जाने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और सवाल किया कि ‘वह सरकार चला रही हैं या सर्कस।'''' मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कहा कि अब...
नेशनल डेस्क: कांग्रेस ने सरकार की ओर से छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने और फिर अपने इस फैसले को वापस लिए जाने के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर निशाना साधा और सवाल किया कि ‘वह सरकार चला रही हैं या सर्कस।'' मुख्य विपक्षी पार्टी ने यह भी कहा कहा कि अब निर्मला को वित्त मंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने दावा किया कि विधानसभा चुनावों के बीत जाने के बाद केंद्र सरकार अपना ‘अनर्थशास्त्र' फिर से लागू करेगी। उन्होंने ट्वीट किया कि कल रात में सरकार ने आमजनों की छोटी बचत वाली स्कीमों की ब्याज दरों में कटौती कर दी थी। आज सुबह जब सरकारी जागी तो उसको पता चला कि अरे ये तो चुनाव का समय है। सुबह उठते ही सारा दोष "ओवरसाइट" (चूक) शब्द पर मढ़ते हुए सरकार ने ये फैसला वापस ले लिया।
प्रियंका ने दावा किया कि चुनाव है तो पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दाम भी नहीं बढ़ रहे हैं। एक बार चुनाव जाने दीजिए भाजपा अपना अनर्थशास्त्र फिर से लागू करेगी। वहीं कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि पेट्रोल-डीज़ल पर तो पहले से ही लूट थी, चुनाव ख़त्म होते ही मध्यवर्ग की बचत पर फिर से ब्याज कम करके लूट की जाएगी। जुमलों की झूठ की, ये सरकार जनता से लूट की!’’
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया कि मैडम वित्त मंत्री, क्या आप सर्कस चला रही हैं या सरकार? कोई भी इस स्थिति में अर्थव्यवस्था के चलने को लेकर कल्पना ही कर सकता है जब करोड़ों लोगों को प्रभावित करने वाले फैसले को चूकवश जारी कर दिया जाए। यह आदेश किसने जारी किया? उन्होंने कहा कि आपको वित्त मंत्री के पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वीरवार को कहा कि सरकार छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर घटाने के फैसले को वापस लेगी और उन्होंने ब्याज दरों को 31 मार्च को खत्म हुए वित्त वर्ष की आखिरी तिमाही के स्तर पर लाने का आश्वासन दिया। छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने वाले लोगों को झटका देते हुए सरकार ने बुधवार को लोक भविष्य निधि (पीपीएफ) और एनएससी (राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र) समेत लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 1.1 प्रतिशत तक की कटौती की थी। यह कटौती एक अप्रैल से शुरू वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही के लिये की गयी थी।