Edited By vasudha,Updated: 25 Jun, 2021 04:20 PM
शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर न्यास द्वारा जमीन खरीद में कथित वित्तीय अनियमितताएं केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच के लिये “उपयुक्त मामला” हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की...
नेशनल डेस्क: शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर न्यास द्वारा जमीन खरीद में कथित वित्तीय अनियमितताएं केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जांच के लिये “उपयुक्त मामला” हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी को एक प्रस्ताव पारित कर इन एजेंसियों द्वारा जमीन मामले की जांच की मांग करनी चाहिए।
अजीत पवार के घर सीबीआई जांच का किया विरोध
प्रदेश के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के मुंबई और नागपुर स्थित परिसरों पर धन शोधन मामले की जांच के तहत शुक्रवार को की गई छापेमारी के संदर्भ में संवाददाताओं द्वारा पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही। भाजपा की महाराष्ट्र इकाई द्वारा अपनी कार्यकारिणी की बैठक में उप मुख्यमंत्री अजीत पवार और शिवसेना की तरफ से मंत्री अनिल परब के खिलाफ सीबीआई और ईडी की जांच की मांग को लेकर प्रस्ताव पारित किये जाने पर निशाना साधते हुए राउत ने कहा कि सीबीआई और ईडी आपकी पार्टी के कार्यकर्ता हैं या फिर आपकी आईटी सेल के सदस्य हैं?
एजेंसियों का दुरुपयोग सही नहीं: राउत
राज्य सभा सदस्य ने आरोप लगाया कि भाजपा ने केंद्रीय जांच एजेंसियों- सीबीआई और ईडी- का “इस्तेमाल अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाने के लिये कर” उनका महत्व कम किया है। राउत ने पूछा कि केंद्रीय जांच एजेंसियों का दुरुपयोग सही नहीं है। इसे रोकना चाहिए। जांच एजेंसियां अगर राष्ट्रीय सुरक्षा, राष्ट्रीय कोष को नुकसान, धनशोधन आदि के मामलों की जांच करें तो यह समझ में आता है। लेकिन आप इन एजेंसियों की छवि क्यों धूमिल कर रहे हैं?
उनकी सरकार अगले तीन साल भी स्थिर रहेगी: राउत
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (एमवीए) सरकार इस साल अपने दो साल पूरे करेगी। उन्होंने कहा कि यह सरकार अगले तीन साल भी स्थिर रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार को अस्थिर करने के यह हथकंडे काम नहीं आएंगे। इस बीच पुणे में संवाददाताओं से बात करते हुए प्रदेश के गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने कहा कि अनिल देशमुख का मामला अदालत में विचाराधीन है और उनके खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।