Edited By vasudha,Updated: 11 Dec, 2019 03:35 PM
शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत ने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पर उच्च सदन में लोकसभा से भिन्न स्थिति होने का हवाला देते हुये कहा कि सरकार को इस विधेयक पर उनकी पार्टी से समर्थन की अपेक्षा करने से पहले उनके सवालों का जवाब देना होगा...
नेशनल डेस्क: नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि कल से सुन रहा हूं कि जो इस बिल को समर्थन नहीं देगा वह देशद्रोही है। आज कहा गया है कि जो बिल के विरोध में हैं वो पाकिस्तान की भाषा बोल रहा है। राउत ने कहा कि ये पाकिस्तान की असेंबली नहीं है, अगर पाकिस्तान की भाषा पसंद नहीं है तो उसके खत्म कर दो, हम आपके साथ हैं।
शिवसेना सांसद ने कहा कि अगर वहां हमारे भाईयों पर जुल्म हो रहा है, तो आप मजबूत हैं उनका साथ दीजिए। हमें किसी से देशभक्ति का प्रमाणपत्र लेने की जरूरत नहीं है, हम कितने कठोर हिंदू हैं जिस स्कूल में आप पढ़ते हो वहां हम पर हेडमास्टर हैं। उन्होंने कहा कि इस देश से घुसपैठियों को बाहर निकलाना चाहिए, पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों का हनन हुआ है। जिन लाखों-करोड़ों को यहां पर ला रहे हैं, तो क्या उन्हें वोटिंग का हक मिलेगा अगर इन्हें 20-25 साल वोटिंग का हक नहीं मिलता है तो बैलेंस रहेगा। संजय ने कहा कि मजबूत प्रधानमंत्री और गृहमंत्री पर हमारी आशा है। क्या इस बिल के पास होने के बाद आप घुसपैठियों को बाहर निकालेंगे?
वहीं इससे पहले शिवसेना नेता ने नागरिकता संशोधन विधेयक (सीएबी) पर उच्च सदन में लोकसभा से भिन्न स्थिति होने का हवाला देते हुये कहा कि सरकार को इस विधेयक पर उनकी पार्टी से समर्थन की अपेक्षा करने से पहले उनके सवालों का जवाब देना होगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा में आंकड़े अलग हैं और राज्यसभा में स्थिति भिन्न है। सरकार को हमारे सवालों का जवाब देना होगा। अगर हमें संतोषजनक जवाब नहीं मिला तो हमारा स्टैंड संसद में लिए गए स्टैंड से अलग भी हो सकता है। शंका का सही जवाब मिलने पर सोचेंगे।
राउत ने कहा कि वोटबैंक की राजनीति सही नहीं है। आप एक बार फिर हिंदू-मुस्लिम विभाजन पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। उनहोंने स्पष्ट किया कि पार्टी ने अभी कोई फैसला नहीं लिया है। मानवता का कोई धर्म नहीं होता और शिवसेना किसी के दबाव में राजनीति नहीं करती। बता दें कि शिवसेना ने लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के पक्ष में वोट दिया था लेकिन उस समय शिवसेना की तरफ से नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर किसी तरह का सवाल नहीं किया गया था।