Edited By Yaspal,Updated: 27 Feb, 2020 08:51 PM
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून :सीएए: के मसले पर पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है, हालांकि सरकार इसका विरोध कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास करेगी। यहां आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण
नेशनल डेस्कः केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गुरुवार को कहा कि संशोधित नागरिकता कानून :सीएए: के मसले पर पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है, हालांकि सरकार इसका विरोध कर रहे लोगों को समझाने का प्रयास करेगी। यहां आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण की सर्किट बेंच का उदघाटन करने के बाद प्रसाद ने कहा, 'आखिरकार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के प्रताड़ित धार्मिक अल्पसंख्यकों को भारत में नागरिकता क्यों नहीं दी जानी चाहिए ? .... सीएए पर हमारे पीछे हटने का कोई सवाल नहीं है।'
धर्मों के प्रति भारत के उदार दृष्टिकोण का जिक्र करते हुए उन्होंने पारसियों का उदाहरण दिया जिन्होंने इस देश को अपना घर बना लिया उन्होंने कहा कि सीएए का विरोध कर रहे लोगों को सरकार समझाने का प्रयास करेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सोये हुए लोगों को तो जगाया जा सकता है लेकिन जागते हुए सो रहे लोगों को नहीं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ' हम सीएए पर पीछे नहीं हट सकते लेकिन हम लोगों को समझाना जारी रखेंगे। हालांकि, सच्चाई यह है कि हम केवल उन्हीं लोगों को जगा सकते हैं जो सो रहे हैं न कि उन्हें जो जागते हुए सो रहे हैं।' उन्होंने कहा, ' भारत जिंदादिल लोगों का देश है और यह गुण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अहमदाबाद में भारी संख्या में लोगों के जबरदस्त स्वागत में भी दिखा। लेकिन उसी के साथ हम एक सख्त देश भी हैं जिसे डराया नहीं जा सकता।'
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के सिद्धांतों का सार बताते हुए उन्होंने राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की प्रसिद्ध पंक्तियों ' क्षमा शोभती उस भुजंग को जिसके पास गरल हो।' का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि सउदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, मस्कट, बहरीन, अफगानिस्तान और इजरायल सहित करीब छह देशों ने उन्हें अपने सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार से सम्मानित किया ह ।