Edited By Yaspal,Updated: 23 Nov, 2018 08:21 PM
21 नवंबर को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया। अब वहां चुनाव होने की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस घटनाक्रम को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत...
नेशनल डेस्कः 21 नवंबर को राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा को भंग कर दिया। अब वहां चुनाव होने की सरगर्मियां तेज हो गई हैं। इस घटनाक्रम को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि हमें विधानसभा भंग की जानकारी 21 नवंबर को मिली। चुनाव आयोग अब इस मामले से जुड़े सभी तथ्यों को एकजुट करेगी। अगले सप्ताह हम चुनाव कराने पर विचार करेंगे।
चुनाव कराने पर क्या बोले ओपी रावत
रावत ने कहा कि विधानसभा भंग होने की स्थिति मे सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट आदेश का है कि सबसे पहले वहां चुनाव की व्यवस्था की जाए। आयोग के पास प्रदेश में चुनाव कराने के लिए 6 महीने का वक्त है। इतना वक्त हमारे लिए चुनाव की तैयारी के लिए पर्याप्त है। यहां चुनाव कराने से पहले प्रदेश में कानून व्यवस्था का हाल जान लेना बेहद जरूरी है।
राज्यपाल ने क्या कहा
बता दें कि सत्यपाल मलिक ने कहा कि पिछले 15 दिनों से उन्हें विधायकों की खरीद-फरोख्त की शिकायतें मिल रही थीं। उन्होंने बताया कि खरीद फरोख्त को खत्म करने के लिए ही विधानसभा को भंग करने का फैसला लिया। उन्होंने कहा कि राज्य की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी उन्हें विधायकों के खरीद फरोख्त की शिकायतें की थी।
मलिक ने क्यों की भंग विधासभा
मलिक ने कहा कि राज्य में एक अपवित्र सा गठबंधन बन गया था। उन्होंने कहा- मैं चाहता हूं कि राज्य में चुनाव हों और सरकार आम जनता की च्वॉइस से बने। उन्होंने कहा कि किसी भी द्वारा सोशल मीडिया पर गठबंधन का ऐलान करने भर से सरकार बनती है? पीडीपी और कांग्रेस के गठबंधन पर सवाल खड़ा करते हुए, उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों में एकता थी तो वह 5 महीने पहले सरकार बनाने का दावा पेश करने क्यों नहीं आए?