Edited By Punjab Kesari,Updated: 05 Sep, 2017 01:03 AM
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उसे ऐसी कोई सूचना नहीं है कि आगे भी नियमित अंतराल पर ऐसी नोटबंदी लागू करने की योजना बनाई जा रही है
नई दिल्लीः नोटबंदी के चलते कितना काला धन समाप्त हुआ है। इसके जानकारी आरबीआई को नहीं है। संसदीय समिति को भेजे अपने जवाब में भारतीय रिजर्व बैंक ने साफ कर दिया है। केंद्रीय बैंक ने कहा है कि उसके पास करीब 15.28 लाख करोड़ रुपए के बंद कर दिए गए 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट वापस आए हैं।
आरबीआई ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि उसे ऐसी कोई सूचना नहीं है कि आगे भी नियमित अंतराल पर ऐसी नोटबंदी लागू करने की योजना बनाई जा रही है। बीते साल आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपए के नोटों को बंद करने का एलान किया गया था। सरकार नोटबंदी घोषित करने के समय से ही अपने इस रुख पर कायम है कि नोटों को चलन से बाहर करने का कदम काले धन पर अंकुश लगाने में मददगार साबित हुआ है।
नोटबंदी और वापस आए पुराने नोटों का आंकड़ा नहीं बताने की वजह से विपक्ष केंद्रीय बैंक के खिलाफ हमलावर रुख अपनाए रहा है। बीते हफ्ते समिति के सदस्यों ने ड्राफ्ट रिपोर्ट को फिर से लिखने की आवाज उठाई थी। सदस्य सांसदों की मांग पर रिपोर्ट को अनुमोदित करने की कार्रवाई रोक दी गई। पिछले हफ्ते ही आरबीआइ ने अपनी सालाना रिपोर्ट में वापस आए पांच सौ और हजार के नोटों का अंतिम आंकड़ा सार्वजनिक किया था।
इससे पता चला था कि करीब 99 फीसद प्रतिबंधित नोट आरबीआइ के पास वापस आ गए हैं। संसदीय समिति के सवालों का लिखित जवाब देते हुए केंद्रीय बैंक ने कहा कि नोटों की प्रमाणिकता और गिनती की शुद्धता के सत्यापन की प्रक्रिया अभी जारी है। बैंकों और डाकघरों की ओर से लिए गए कुछ पुराने नोट अब भी करेंसी चेस्टों में पड़े हैं। बहराल, उसे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि काले धन के खत्म होने या बंद की जा चुकी नोटों के बदलने से कितनी अघोषित रकम हिसाब-किताब के दायरे में आई है।