एक क्लिक में पढ़ें क्या होता है अविश्वास प्रस्ताव, क्यों और कैसे लाया जाता?

Edited By Seema Sharma,Updated: 18 Jul, 2018 04:15 PM

read what is no confidence motion

लोकसभा में आज मोदी सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार हो गया और स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह इस प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि और अवधि के बारे में अगले 2-3 दिन में घोषणा करेंगी। अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने एस केसीनेनी, तारिक अनवर,...

नेशनल डेस्कः लोकसभा में आज मोदी सरकार के खिलाफ पेश अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस स्वीकार हो गया और स्पीकर सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह इस प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि और अवधि के बारे में अगले 2-3 दिन में घोषणा करेंगी। अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने एस केसीनेनी, तारिक अनवर, मल्लिकार्जुन खडगे समेत कुछ अन्य सदस्यों के अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस को स्वीकार किया है और अब वह इस नोटिस को सदन के समक्ष रख रही हैं। अध्यक्ष ने उन सदस्यों से खड़े होने का आग्रह किया जो अविश्वास प्रस्ताव के नोटिस के पक्ष में हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे सदस्यों की संख्या 50 से अधिक है, इसलिए यह प्रस्ताव सदन में स्वीकार होता है। 
PunjabKesari
TDP लाई अविश्वास प्रस्ताव
मोदी सरकार के खिलाफ तेदेपा अविश्वास प्रस्ताव लेकर आई है। तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के प्रावधानों को पूर्ण रूप से लागू करने और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा प्रदान करने की मांग को लेकर यह प्रस्ताव लाई है। हाल ही में तेदेपा इन्हीं मुद्दों के चलते राजग गठबंधन से अलग हो गई थी।
PunjabKesari
क्या होता अविश्वास प्रस्ताव और कौन लाता है
अविश्वास प्रस्ताव सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों की तरफ से रखा जाता है। यह केवल लोकसभा में ही रखा जा सकता है, राज्यसभा में नहीं। जब विपक्षी दलों या किसी एक पार्टी की तरफ से तब रखा जाता है जब सरकार के पास सदन में बहुमत न हो या फिर विपक्षी दलों का सरकार पर से विश्वास उठ जाए। अविश्वास प्रस्ताव से संबंधित नियम 198 के तहत व्यवस्था है कि कोई भी सदस्य लोकसभा अध्यक्ष को सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दे सकता है।
PunjabKesari

प्रस्ताव के आने के बाद की प्रक्रिया
सरकार बने रहने के लिए अविश्वास प्रस्ताव का गिरना यानी नामंजूर होना जरूरी है और अगर प्रस्ताव को सदन ने मंजूर कर लिया जाए तो सरकार गिर जाती है। सदन में मौजूद कुल सदस्यों में से बहुमत अगर सरकार के खिलाफ वोट देने वालों का है तो सरकार गिर जाती है। लोकसभा अध्यक्ष इसकी चर्चा के लिए तारीख बताते हैं। प्रस्ताव पेश करने के 10 दिनों के अदंर इस पर चर्चा जरूरी है। इसके बाद स्पीकर अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में वोटिंग करा सकता है या फिर कोई फैसला ले सकता है।
PunjabKesari
अविश्वास प्रस्ताव के लिए कितने सदस्य जरूर
अविश्वास प्रस्ताव नोटिस देने वाले के पक्ष में 50 सदस्य होने चाहिए। वहीं जब इस पर चर्चा होती है तो सदस्यों की संख्या सरकार के सदस्यों की संख्या से ज्यादा होनी चाहिए। मौजूदा मोदी सरकार के पास एनडीए के सभी सहयोगी दलों को मिलाकर लोकसभा में 310 सांसद हैं।
PunjabKesari
6 महीने बाद फिर दे सकते हैं नोटिस
अविश्वास प्रस्ताव एक बार में अगर नामंजूर हो जाए तो विपक्षी दल छह महीने बाद फिर से इस पर नोटिस दे सकते हैं।
PunjabKesari
इंदिरा सरकार के खिलाफ सबसे ज्यादा अविश्वास प्रस्ताव
मोदी सरकार के पिछले चार साल के कार्यकाल में पहली बार उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। 

  • भारत के संसदीय इतिहास में सबसे पहले पंडित जवाहर लाल नेहरू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था। जे बी कृपलानी ने संसद में अगस्त 1963 में नेहरू सरकार के खिलाफ प्रस्ताव रखा था लेकिन तब यह प्रस्ताव गिर गया था क्योंकि इसके पक्ष में केवल 62 वोट पड़े थे। 
  • भारतीय संसद में अब तक सबसे ज्यादा अविश्वास प्रस्ताव इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ लाए गए। 
  • इंदिरा गांधी सरकार के खिलाफ बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया।
  • लाल बहादुर शास्त्री और नरसिंह राव सरकार के खिलाफ तीन-तीन बार यह प्रस्ताव लाया गया। 
  • अटल बिहारी वाजपेयी दो बार सदन में विश्वास मत हासिल करने की कोशिश की और दोनों बार वे इसमें नाकामयाब रहे। 
  • 1996 में वाजपेयी ने वोटिंग से पहले ही इस्तीफा दे दिया था जबकि 1998 में वे एक वोट से हार गए थे और उन्हें अपनी सरकार गंवानी पड़ी।
    PunjabKesari

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!